आखिर कैसे बनाएंगे स्वच्छ और सुंदर मेरठ, शहर के 40 वार्डों में 30 से कम सफाईकर्मी
मेरठ को स्वच्छ-सुंदर बनाने की बात तो हो रही है लेकिन जिनके भरोसे सफाई सुनिश्चित करनी है। उनकी संख्या बढ़ाने पर न तो शासन का ध्यान है और न ही नगर निगम ने प्रयास किए हैं। शहर में कुल 90 वार्ड में सफाई की व्यवस्था को लेकर हालात जुदा हैं।
मेरठ, जेएनएन। मेरठ शहर को स्वच्छ-सुंदर बनाने की बात तो हो रही है, लेकिन जिनके भरोसे सफाई सुनिश्चित करनी है। उनकी संख्या बढ़ाने पर न तो शासन का ध्यान है और न ही नगर निगम ने प्रयास किए हैं। नतीजा, सफाई व्यवस्था में सुधार नहीं हो पा रहा है। नगर निगम अंतर्गत कुल 90 वार्ड आते हैं। कुल 3100 सफाई कर्मचारी है और शहर की आबादी 20 लाख से ऊपर पहुंच गई है।
3100 सफाई कर्मचारी
90 वार्डो की सफाई के लिए कुल 3100 सफाई कर्मचारी हैं। जिसमें स्थायी सफाई कर्मचारी लगभग 700 हैं और आउटसोर्सिंग सफाई कर्मचारी 2400 लगभग है। सफाई कर्मचारी नेता कैलास चंदौला के मुताबिक नगर निगम में कम से कम 3000 सफाई कर्मचारियों की और जरूरत है। शहर के 40 वार्ड ऐसे हैं। जहां पर 20,000 की आबादी पर 30 से भी कम सफाई कर्मचारी तैनात हैं। वार्ड 75 का हाल तो और भी बुरा है, यहां पर कुल 10 सफाई कर्मचारी तैनात है।
1985 के बाद भर्ती नहीं
सफाई कर्मचारी नेता कैलास चंदौला ने कहा कि 1985 के बाद से नगर निगम में नियमित सफाई कर्मचारियों की भर्ती नहीं हुई है। आउटसोर्सिंग सफाई कर्मचारी भी आबादी के अनुपात में नहीं रखे गए। जबकि शहर का लगातार विस्तार हो रहा है। जनसंख्या बढ़ती जा रही है। आबादी के हिसाब से कचरे के उत्सर्जन की मात्रा बढ़ गई है। सड़क, नाले-नालियों की संख्या भी बढ़ गई हैं। सफाई कर्मचारी नेता ने कहा कि नगर निगम अधिकारियों को शासन से सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति के संबंध में बात करनी चाहिए। लेकिन अधिकारियों ने कभी इस पर बात नहीं की।
इसीलिए निगम बोर्ड के आदेश का पालन नहीं
सफाई कर्मचारियों की संख्या इतनी कम है कि प्रति वार्ड न्यूनतम 30 सफाई कर्मचारी की तैनाती का नगर निगम बोर्ड के आदेश का पालन नहीं हो पा रहा है। कई पार्षद सफाई कर्मचारी कम होने से क्षेत्र में सफाई न हो पाने की बात करते हैं। निगम अधिकारियों से लगातार वार्ड में सफाई कर्मचारी बढ़ाने की मांग भी कर रहे हैं।