ईमानदारी अतिरिक्त गुण नहीं, न होना अवगुण : एसएसपी

मेरठ कालेज में मंगलवार को मीट द लीडर्स कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें मुख्य अि

By JagranEdited By: Publish:Tue, 28 Sep 2021 10:40 PM (IST) Updated:Tue, 28 Sep 2021 10:40 PM (IST)
ईमानदारी अतिरिक्त गुण नहीं, न होना अवगुण : एसएसपी
ईमानदारी अतिरिक्त गुण नहीं, न होना अवगुण : एसएसपी

मेरठ,जेएनएन। मेरठ कालेज में मंगलवार को 'मीट द लीडर्स' कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने 'भ्रष्टाचार मुक्त युवा मन एवं भविष्य निर्माण' विषय पर छात्रों को संबोधित करते हुए एसएसपी ने कहा कि ईमानदार होना कोई अतिरिक्त गुण नहीं होता है। हर किसी को जन्मजात ईमानदार ही होना चाहिए। ईमानदार न होना एक अवगुण जरूर होता है। जो काम हमारी जिम्मेदारी है, उसे ठीक से न करना भी भ्रष्टाचार है। उसे करने के एवज में रुपये या सेवा लेकर या दबाव में आकर करना भ्रष्टाचार ही माना जाता है। एसएसपी ने कहा कि जब आप बिना पक्षपात के कोई कार्य करेंगे तो आपके विरोधी भी आपका सम्मान करेंगे।

दिखाने नहीं, सीखने के लिए पढ़ें

एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने अपने जीवन अनुभवों को साझा करते हुए छात्रों को माता-पिता या दूसरों को दिखाने के लिए पढ़ाई करने की बजाए सीखने और जानने के लिए पढ़ने को प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि पढ़ाई में घंटे बढ़ाने की बजाए एकाग्रता बढ़ाना ज्यादा जरूरी है। एसएसपी ने छात्रों को बताया कि तीन-चार घंटे रेगुलर पढ़ते रहेंगे तो तैयारी अच्छी होगी। साथ ही उन्होंने लिखकर पढ़ने के लिए भी प्रेरित किया।

छात्र-छात्राओं के सवालों का दिया जवाब

बीएससी कंप्यूटर साइंस के छात्र सार्थक राणा ने एसएसपी से राजनैतिक दबाव का सामना करने संबंधी सवाल पूछा। एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने कहा कि नेता, विधायक व मंत्रियों के घर सैकड़ों लोग मदद की उम्मीद से जाते हैं। जनता को सुनना उनकी भी जिम्मेदारी है। तभी वे पुलिस को फोन करते हैं। उनकी बात ध्यान से सुनना चाहिए और जो सही हो वह कार्रवाई करनी चाहिए। बीएससी तृतीय वर्ष की छात्रा नैना ने यूपीएससी तैयारी के बारे में पूछा। एसएसपी ने बताया कि बड़े लक्ष्य के साथ छोटे-छोटे लक्ष्य भी रखें, जिससे पहला लक्ष्य हासिल न कर सकें तो जीवन में दूसरे रास्तों पर अपना करियर बना सकें। बीएससी कंप्यूटर साइंस की श्रुति सिंह ने पूछा कि सही या गलत शिकायतों की जांच कैसे करते हैं। एसएसपी ने बताया कि जांच के दौरान शिकायतें फर्जी भी मिलती है, लेकिन फर्जी शिकायत करने वालों के खिलाफ कोई दंडात्मक प्रावधान नहीं होने से वह छूट जाते हैं। एमएससी बाटनी कर रही छात्र अक्षिता ने सेवा में वैचारिक मतभेद का सामना करने पर सवाल पूछा। एसएसपी ने बताया कि पुलिस सेवा में रेजिमेंटल व्यवस्था है, जहां वैचारिक मतभेद होने के बाद भी नियमों के अंतर्गत वरिष्ठ अधिकारी का आदेश नीचे के हर अधिकारी को मानना अनिवार्य है। इस अवसर पर कालेज प्रबंध समिति के पूर्व अध्यक्ष व सचिव राम कुमार गुप्ता, वर्तमान अध्यक्ष सुरेश चंद जैन ऋतुराज, सचिव डा. ओपी अग्रवाल, प्राचार्य डा. युद्धवीर सिंह आदि उपस्थित रहे।

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