बिजनौर में ईसाई सत्संग को लेकर हिंदू संगठनों का हंगामा, जानिए क्‍या है मामला

बिजनौर के गांव चेहला में ईसाई धर्म के सत्संग का कार्यक्रम आयोजित हो रहा था। इसमें कुछ हिंदू परिवार भी शामिल थे। ग्रामीणों की सूचना पर विश्व हिंदू परिषद और हिंदू जागरण मंच के नेता वहां पहुंचे और हंगामा कर दिया।

By Parveen VashishtaEdited By: Publish:Sun, 05 Dec 2021 08:28 PM (IST) Updated:Sun, 05 Dec 2021 08:28 PM (IST)
बिजनौर में ईसाई सत्संग को लेकर हिंदू संगठनों का हंगामा, जानिए क्‍या है मामला
चांदपुर के गांव चेहला में ग्रामीणों को संबोधित करते हिंदू जागरण मंच के नेता

बिजनौर, जागरण संवाददाता। चांदपुर क्षेत्र के गांव चेहला में रविवार को ईसाई मिशनरी के सत्संग को लेकर हंगामा खड़ा हो गया। आरोप है कि सत्संग में कुछ हिंदुओं को ईसाई धर्म अपनाने के लिए बहकाया जा रहा था। हिंदू संगठन व आर्य समाज के कार्यकर्ताओं ने सत्संग रुकवा दिया। इस दौरान ईसाई प्रचारक वहां से चले गए।

ग्रामीणों की सूचना पर पहुंचे हिंदू नेता

एक ग्रामीण के घेर में ईसाई धर्म के सत्संग का कार्यक्रम आयोजित हो रहा था। इसमें कुछ हिंदू परिवार भी शामिल थे, जिन्हें ईसाई धर्म के बारे में बताया जा रहा था। ग्रामीणों की सूचना पर विश्व हिंदू परिषद के विभागाध्यक्ष कपिल चौधरी, हिंदू जागरण मंच के नेता जितेंद्र बैंस के अलावा आर्य समाज के लोग वहां पहुंच गए और हंगामा कर दिया। इस दौरान सत्संग कर रहे लोग वहां से चले गए। शुगर मिल चौकी पुलिस गांव पहुंच गई और जांच पड़ताल की। कोतवाली प्रभारी मनोज कुमार ने बताया कि सूचना मिली थी। पहले ही मामला सुलझ गया। धर्म परिवर्तन का मामला नहीं था। 

प्रशासन को गुमराह करने का आरोप लगाया  

बिजनौर। भाकियू की फीना शाखा के अध्यक्ष प्रदीप कुमार व अन्य किसानों ने जिला अधिकारी को दिए शिकायती पत्र में बताया कि उन्होंने बेसहारा पशुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए गांव में पशु आश्रय स्थल बनवाने की मांग मुख्य चिकित्सा अधिकारी से की थी। जिसके बाद मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी ने विकास खंड अधिकारी नूरपुर को भूमि चिन्हित करने के लिए जिम्मेदारी सौंपी। खंड विकास अधिकारी नूरपुर ने जांच ग्राम विकास अधिकारी फीना को दी। आरोप है कि ग्राम विकास अधिकारी जांच में क्षेत्र में कोई बेसहारा पशु नहीं होने की रिपोर्ट शासन व प्रशासन को भेज दी। जबकि, किसानों का कहना है कि खेतों में बेसहारा पशुओं की संख्या सौ से पार हो चुकी है। उन्होंने मामले की जांच कराते हुए गांव में पशु आश्रय स्थल बनवाए जाने की मांग की है।

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