Helping Hand In Corona Epidemic: महामारी को हराने के लिए उतरे हैं मददगार, अकेली मां को दिया सहारा

कोरोना काल में शहर में ऐसे लोग भी हैं जिनके बेटे या बेटियां विदेश में हैं। उनके मां और बाप अकेले घर में हैं। संक्रमण के बाद ऐसे लोगों की मदद के लिए आगे आए हैं कंकरखेड़ा के ओमकार चौधरी।

By Taruna TayalEdited By: Publish:Fri, 07 May 2021 04:33 PM (IST) Updated:Fri, 07 May 2021 04:33 PM (IST)
Helping Hand In Corona Epidemic: महामारी को हराने के लिए उतरे हैं मददगार, अकेली मां को दिया सहारा
कोरोना काल में मदद को आगे आए शहरवासी।

मेरठ, जेएनएन। कोरोना महामारी के बीच जहां एक तरफ त्रहि मची हुई है। लोग अस्पतालों में सिलेंडर, बेड और दवाओं के लिए मारे-मारे फिर रहे हैं। वहीं, कुछ ऐसे लोग भी हैं जो मददगार बनकर जरूरतमंद को सहारा दे रहे हैं। संकट के इस दौर में ऐसे लोग दूसरों को भी सेवा करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।

अकेली मां को दिया सहारा

कोरोना काल में शहर में ऐसे लोग भी हैं, जिनके बेटे या बेटियां विदेश में हैं। उनके मां और बाप अकेले घर में हैं। संक्रमण के बाद ऐसे लोगों की मदद के लिए आगे आए हैं कंकरखेड़ा के ओमकार चौधरी। इंटरनेट मीडिया पर उन्होंने ऐसे लोगों की मदद करने के लिए अपना मोबाइल नंबर 9458456450 डाला है। सुबह आठ बजे से शाम आठ बजे तक वह फोन पर अकेले रह रहे लोगों को दवाइयां, सिलेंडर उपलब्ध करा रहे हैं। शहर में एक अकेली महिला संक्रमित थी, जिसका बेटा लंदन में है। इस महिला द्वारा मदद मांगी गई तो उन्होंने दवाइयां और सिलेंडर भेजा। अभी तक उन्होंने 15 जरूरतमंद लोगों को निश्शुल्क सिलेंडर उपलब्ध कराया है। ओमकार चौधरी की सगी भतीजी जो गर्भवती थी, कोरोना के चलते निधन हो गया। तब से उन्होंने जरूरतमंद की मदद में और तेजी की है। उनका कहना है जितना सामथ्र्य है वह मदद करते रहेंगे।

सांस को दे रहे हैं सहारा

जागृति विहार के राहुल ठाकुर अपनी बेटी नंदनी के नाम पर बनाए नंदनी सेवा से जरूरतमंद लोगों की सांसों को सहारा दे रह हैं। पिछले 10 दिन से वह लोगों को नेबुलाइजर, भाप लेने वाली मशीन और सिलेंडर दिलावा रहे हैं। जरूरतमंद को वह निश्शुल्क यह सारी चीजें उपलब्ध करा रहे हैं। उनका कहना है अभी तक उन्होंने 15 बड़े और छह छोटे सिलेंडर दिए हैं। गुरुवार से उन्होंने कोरोना पीड़ित परिवार को भोजन की भी व्यवस्था शुरू की है। जब सिलेंडर के नाम पर इंसान की सांसें बिक रहीं हो, उसमें इस तरह की मदद से जरूरतमंद को सहारा मिल रहा है।

एक छोटी शुरुआत भी बड़ी है

शास्त्रीनगर के रहने वाले ओडी राजपूत थियेटर और इप्टा से जुड़े हैं। कोरोना काल में ऐसे लोग भी हैं। जो अपनी सांस को सहारा देने के लिए नेबुलाइजर तक नहीं खरीद सकते हैं। वह नेबुलाइजर खरीदकर लोगों को उपलब्ध करा रहे हैं। वह कहते हैं कि जितनी क्षमता है, उतनी मदद वह करते रहेंगे। इस संकट की घड़ी में एक दूसरे का साथ देने से ही समाज को बचाया जा सकता है।

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