बारिश से धान को भारी नुकसान.. हवा के झोकों में बिछ गई फसल
मवाना क्षेत्र लगातार दो दिन तक हुई मवाना समेत आसपास इलाकों में बारिश और खेतों में जलभराव से धान की फसल में भारी नुकसान हुआ है। करीब 40 फीसद नुकसान होने का अनुमान है।
मेरठ, जेएनएन। मवाना क्षेत्र लगातार दो दिन तक हुई मवाना समेत आसपास इलाकों में बारिश और खेतों में जलभराव से धान की फसल में भारी नुकसान हुआ है। करीब 40 फीसद नुकसान होने का अनुमान है। वहीं, फसल कटाई का काम भी कई दिन आगे खिसक गया। उधर, सरसों, आलू की बुआई हो चुकी खेतों में भी बीज गलने की आशंका है।
धान की प्रजाति 1509 समेत अगेती पकने वाली फसल की कटाई और झड़ाई का काम मवाना, हस्तिनापुर के गंगा खादर समेत आसपास इलाकों में युद्धस्तर पर चल रहा था, जबकि 90 फीसद धान की फसल खेत में ही है। दो दिन लगातार हुई भारी बारिश से खेतों में पानी भर गया, जिससे कटी धान की फसल डूब गई। वहीं, कुछ खेतों में अभी भी पानी कम नहीं। जिससे धान फसल गलने के साथ काला हो गया। करीब 40 फीसद तक धान की फसल में नुकसान होने की आशंका बढ़ गई। खेड़ी मनिहार निवासी तरुण कुमार व आशीष कुमार ने बताया कि उनके खेत में धान की फसल कटी हुई थी, लेकिन एकत्र होना बाकी था। पानी से सब फसल बर्बाद हो गई, जबकि पूठी निवासी कृष्णदत्त व संजय आदि किसानों का कहना है खेतों में पानी भरने से धान में भारी खामी पैदा हो गई।
पछेती पकने वाला धान भी खेतों में बिछा
पछेती व ज्यादा दिनमें पकने वाली धान की प्रजाति 1121, तूड़ा बासमती व अन्य प्रजाति को पकने में अभी समय है, लेकिन बारिश के साथ हवा के तेज झोकों से खड़ी फसल खेतों में बिछ गई। जिससे 20 से 25 फीसद नुकसान होने का अनुमान है। उधर, जलभराव जैसे खेतों में फसल गलाव की स्थिति भी पैदा हो गई।
आलू व सरसों की फसल में भी नुकसान
जल्द खोदाई के लिए आलू लगाई का काम चल रहा है।वहीं, सरसों की बुआई का काम भी किसान कर रहे हैं। पीली सरसों की बुआई का समय अक्टूबर के पहले सप्ताह में समाप्त हो जाता है। बारिश से हुए जलभराव से आलू की फसल गल जाएगी और सरसों की बीज भी पानी में गल जाएगा। बुआई के लिए भी समय आगे खिसक गया।
सब्जियों में भी भारी नुकसान
गोभी की पौध खेतों में लगने का काम चल रहा है। वहीं, कुछ लग चुकी पौध भी जलभराव से मरने की आशंका है। ऐसा ही हाल टमाटर की फसल का है, जिससे बारिश से फूल गिर गया और पैदावार में कमी आएगी।
इन्होंने कहा..
बारिश से धान की फसल को 15 से 20फीसदी नुकसान होने की आशंका है। जहां खेतों में जलभराव अभी भी बना हुआ है, वहां ज्यादा नुकसान होगा। आलू व सरसों की बुआई का समय है जिस खेत में बुआई हो चुकी उसमें बीज लगने की आशंका है। सब्जियों में भी बीमारी आने की संभावना है।
डा.ओमबीर सिंह,
विज्ञानी, कृषि विज्ञान केंद्र हस्तिनापुर।