खुद बीमारी बांट रहा मेरठ के सैनी गांव का स्वास्थ्य उपकेंद्र, कुड़े का लगा रहता है ढ़ेर; कागजों में चल रही व्‍यवस्‍था Meerut News

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मेरठ दौरा ग्रामीणांचल में बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के इर्द-गिर्द रहा लेकिन सफेद हाथी बना स्वास्थ्य विभाग खुद को बदलने को तैयार नहीं। सैनी गांव में गर्भवती महिलाओं व बच्चों के स्वास्थ्य जांच व टीकाकरण के लिए बना स्वास्थ्य उपकेंद्र खुद बीमार है।

By Himanshu DwivediEdited By: Publish:Sat, 29 May 2021 11:22 AM (IST) Updated:Sat, 29 May 2021 11:22 AM (IST)
खुद बीमारी बांट रहा मेरठ के सैनी गांव का स्वास्थ्य उपकेंद्र, कुड़े का लगा रहता है ढ़ेर; कागजों में चल रही व्‍यवस्‍था Meerut News
मेरठ के सैनी गांव का स्‍वास्‍थ्‍य उपकेंद्र, जहां लगे रहते हैं कुड़े के ढ़ेर।

मेरठ, जेएनएन। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मेरठ दौरा ग्रामीणांचल में बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के इर्द-गिर्द रहा, लेकिन सफेद हाथी बना स्वास्थ्य विभाग खुद को बदलने को तैयार नहीं। सैनी गांव में गर्भवती महिलाओं व बच्चों के स्वास्थ्य जांच व टीकाकरण के लिए बना स्वास्थ्य उपकेंद्र खुद बीमार है। परिसर व कमरों में कूड़े के ढेर और टूटी कुर्सियां व्यवस्था की कलाई खोल रहा है। वहीं, स्वास्थ्य व्यवस्थाएं कागजों पर चलती दिखाई दे रही हैं।

महानगर से सटे सैनी गांव की लगभग आबादी छह हजार के करीब है। एक दशक पहले यहां गर्भवतियों और बच्चों के स्वास्थ्य संबंधी जांच और टीकाकरण के लिए स्वास्थ्य उपकेंद्र खोला गया था, लेकिन यहां अव्यवस्थाएं हावी हो गईं। परिसर से लेकर कमरों तक कूड़े के ढेर लग गए हैं। करीब छह माह से प्रसव व टीकाकरण कक्ष के दरवाजे तक ही नहीं खुले। पहले कभी कभार एएनएम यहां बैठती थी, लेकिन अब वह भी नहीं आती।

इलाज छोड़ो, पहले दुर्गंध से दिलाओ निजात

सीएचसी भावनपुर के अधीन स्वास्थ्य उपकेंद्र अनुसूचित बस्ती के बीच सरकारी भवन में बना है, जिसने काफी समय से कूड़ाघर का रूप ले लिया है। कमरों में जमा धूल और फर्श पर पड़ी टूटीफूटी कुर्सयिां, बेड दशा बताने को काफी है। यहां कूड़ा से फैल रही दुर्गंध से लोगों में संक्रमण फैलने की आशंका बन गयी। बस्तीवासी पदम सिंह, दुलीचंद, जोनी व धर्मपाल आदि का कहना है अब इलाज नहीं पहले दुर्गंध से निजात दिला दो।

चिकित्सा प्रभारी सीएचसी भावनपुर डा. रोहित ने बताया- उपकेंद्र पर एएनएम की तैनाती है लेकिन चार गांवों की टीकाकरण की जिम्मेदारी होने वह कभी कभार ही बैठ पाती हैं। कूड़ा परिसर व कमरों तक कैसे पहुंचा जानकारी नहीं है। रही पीएचसी की बात वह कुछ पहले ही हेंडआवर हुई है अब चिकित्सक व स्टाफ की भी तैनाती हो गयी है।

नवनिर्वाचित प्रधान सैनी जग्गी ने कहा- ग्राम पंचायत का कोरम पूरा नहीं होने से वह शपथ से वंचित रहे, लेकिन इसके बावजूद प्राथमिकता के साथ स्वास्थ्य उपकेंद्र का कूड़ा हटवाना और जर्जर को गिराने का है। पीएचसी में भी चिकित्सकों की मांग उठाएंगे। 

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