कभी सुना है आपने लेकिन मेरठ में यह गेहूं 55 रुपये प्रति किलो है, जानें क्‍यों और कहां है डिमांड

मेरठ के मवाना ब्लाक के बिसौला गांव निवासी प्रवीन अपने खेत में चावल काठा प्रजाति का विशेष किस्म का गेहूं उगाते हैं। इसे 55 रुपये प्रति किलो तक बेचते हैं। खासियत यह है कि पूरी तरह रसायनमुक्त और प्राकृतिक है। गेहूं की प्रदेश में ही कई जगहों पर डिमांड है।

By Prem Dutt BhattEdited By: Publish:Wed, 23 Jun 2021 01:00 PM (IST) Updated:Wed, 23 Jun 2021 03:36 PM (IST)
कभी सुना है आपने लेकिन मेरठ में यह गेहूं 55 रुपये प्रति किलो है, जानें क्‍यों और कहां है डिमांड
किसान प्रवीन करते हैं प्राकृतिक खेती, 18-20 कुंतल प्रति एकड़ उत्पादन।

मेरठ, जेएनएन। अभी तक आपने महंगे गुड़ और शक्कर के बारे में सुना-पढ़ा होगा। गेहूं की एक विशेष प्रजाति ऐसी है, जिसकी कीमत 55 रुपये प्रति किलो तक है। मवाना ब्लाक के बिसौला गांव निवासी प्रवीन अपने खेत में 'चावल काठा' प्रजाति का विशेष किस्म का गेहूं उगाते हैं। इसे वह 55 रुपये प्रति किलो तक बेचते हैं। खासियत यह है कि पूरी तरह रसायनमुक्त और प्राकृतिक है। आगरा से लेकर देहरादून, दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम व कानपुर तक इस गेहूं के खरीदार हैं। बाजार में सामान्य प्रजाति के गेहूं का मूल्य 19 से 22 रुपये प्रति किलो रहता है। प्रवीन का कहना है कि एक एकड़ में उन्होंने 18 से 20 कुंतल गेहूं का उत्पादन किया।

दो हेक्टेयर में प्राकृतिक खेती

पश्चिमी यूपी में कई बड़े आयोजनों में कृषि मेले व प्रदर्शनी में अपना स्टाल लगाने वाले प्रवीन कहते हैं कि रसायनों व कीटनाशकों के अंधाधुंध इस्तेमाल ने धरती को जहरीला बना दिया है। इसी कारण धरती बंजर भी हो रही है। उनका मानना है, यदि पूर्ण रूप से प्राकृतिक खेती की जाए, तो अच्छे दाम मिलने के साथ शरीर को भी स्वस्थ रखा जा सकता है। इसी उद्देश्य से उन्होंने पूर्ण रूप से प्राकृतिक खेती करने की ठानी। वह दो हेक्टेयर जमीन में प्राकृतिक खेती करते हैं। इसमें से एक एकड़ में गेहूं की विशेष किस्म चावल काठा की बुआई करते हैं। कोई भी रसायनिक खाद व कीटनाशक का इस्तेमाल नहीं किया जाता है।

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