Hariom Anand Case: अतुल कृष्ण के दर्ज किए गए बयान, इन बातों का हुआ खुलासा Meerut News

एसपी सिटी ने कहा-बयान दर्ज करने का यह अंतिम प्रक्रिया चल रही है। इसके बाद से ही जांच शुरू किया जाएगा। एसपी सिटी ने बताया कि बाकी के बयान आज दर्ज किए जाएंगे।

By Prem BhattEdited By: Publish:Tue, 07 Jul 2020 12:22 AM (IST) Updated:Tue, 07 Jul 2020 09:06 AM (IST)
Hariom Anand Case: अतुल कृष्ण के दर्ज किए गए बयान, इन बातों का हुआ खुलासा Meerut News
Hariom Anand Case: अतुल कृष्ण के दर्ज किए गए बयान, इन बातों का हुआ खुलासा Meerut News

मेरठ, जेएनएन। आनंद अस्पताल के मालिक हरिओम आनंद की आत्महत्या मामले की जांच कर रहे एसपी सिटी के समक्ष सोमवार को सुभारती विवि के संस्थापक अतुल कृष्ण ने बयान दर्ज कराए। अपने पक्ष में दस्तावेज सौंपे। समन उनकी पत्नी मुक्ति को भी गया था, लेकिन वे नहीं पहुंचीं। वहीं शेयर होल्डर जीएस सेठी और फाइनेंसर आकाश खन्ना को भी बयान दर्ज कराने पहुंचना था, लेकिन उनके बयान नहीं हो सके। फाइनेंसर समय सिंह सैनी, मुमताज और शमीम भी सोमवार को बयान देने नहीं आए। यह सभी मंगलवार को बयान दर्ज कराएंगे। एसपी सिटी अखिलेश नारायण सिंह ने बताया कि मंगलवार को बयान का अंतिम दिन है। उसके बाद जांच पूरी कर शीर्ष अफसरों को रिपोर्ट भेज दी जाएगी।

एसपी सिटी के समक्ष अतुल कृष्ण ने दिए बयान

हरिओम आनंद की बेटी मानसी द्वारा लगाए गए आरोपों के संदर्भ में अतुल कृष्ण ने जांच अधिकारी को बताया कि 17 अगस्त 1995 में हरिओम आनंद के साथ उनका करार हुआ था। शर्त रखी गई थी कि ट्रस्ट में उनका कोई पैसा नहीं लगाएंगे। उन्होंने अपनी कोई पूंजी निवेश नहीं की। सुभारती और लोकप्रिय में उन्होंने 60 से 65 लाख के करीब रकम ब्याज पर दी थी, जो वापस कर दी गई। सुभारती में ट्रस्टी पद से हरिओम आनंद 13 दिसंबर 2004 को इस्तीफा देकर ट्रस्ट से बाहर हो गए थे। दो फरवरी 2005 को दोबारा ट्रस्ट में लिया गया। उनके ट्रस्ट विरोधी काम करने से सभी बैंक खाते बंद हो गए। मान्यता तक खतरे में पड़ गई। फिर दो बार मीटिंग में बुलाने पर भी नहीं आए। तब मजबूर होकर पांच मई, 2005 को विधिक तरीके से उनको ट्रस्ट से निकाला गया। उसके बाद सिविल जज सीनियर डिविजन के यहां चैलेंज में हार गए। फिर हाईकोर्ट गए और नंवबर 2006 में केस वापस ले लिया। मानसी द्वारा सुभारती में एक तिहाई हिस्सा का सवाल उठाने और हरिओम आनंद द्वारा अंतिम पत्र में इस हिस्से को एसएसपी से दिलाने के गुहार पर अतुल कृष्ण ने कहा कि हमारा कोई समझौता नहीं हुआ। हमारी अब परिवार पर कोई देनदारी नहीं है। व्यक्तिगत रूप से हरिओम आनंद को अच्छा मानता था। आज दुख की घड़ी में मैं परिवार के साथ खड़ा होता, लेकिन उन्होंने मुझे ही घसीट लिया।

आज फोरेंसिक लैब भेजा जाएगा विसरा

एसओ मुंरूली रवि चंद्रवाल ने बताया कि मंगलवार को बिसरा निवाड़ी स्थित फोरेंसिक लैब भेजा जाएगा। पोस्टमार्टम के दौरान बिसरा संरक्षित करने के दौरान लीवर, स्प्लीन (पेट के अंदर का एक अंग) और किडनी का हिस्सा रखा जाता है। आमतौर पर रिपोर्ट तैयार करने में तीन हफ्ते का समय लगता है लेकिन लैब की कमी और बड़ी संख्या में सैंपल होने के कारण रिपोर्ट आने में छह माह से ज्यादा का समय भी लग जाता है। मुकदमे में बिसरा रिपोर्ट की महत्ता होती है। 

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