Hallmarking Law: बिना हालमार्क के आभूषणों को निकालने की जुगत में हैं मेरठ के व्यापारी, सोने के दाम गिरे

Hallmarking Law 15 जून को मेरठ में 24 कैरेट सोने के भाव 50100 रुपये प्रति 10 ग्राम था शनिवार 19 जून को यह 48900 रुपये पर लुढ़क गया। एक जून से तुलना करें तो रेटों में 2 हजार रुपये की गिरावट है। व्यापारियों में इसको लेकर भ्रम की स्थिति है।

By Prem Dutt BhattEdited By: Publish:Sun, 20 Jun 2021 01:30 PM (IST) Updated:Sun, 20 Jun 2021 03:24 PM (IST)
Hallmarking Law: बिना हालमार्क के आभूषणों को निकालने की जुगत में हैं मेरठ के व्यापारी, सोने के दाम गिरे
सरकार की ओर से 31 अगस्त तक पुराने सोने का स्टाक खत्म करने की छूट दी है।

ओम बाजपेयी, मेरठ। Hallmarking Law हालमार्किंग कानून 16 जून से लागू होने के बाद देश में सोने की बड़ी मंडियों में शुमार मेरठ के सराफा बाजार में अनिश्चतता का माहौल है। इसी बीच में सोने के दाम 1200 रुपये तक लुढ़क गए हैं। बाजार पर नजर रखने वाले विश्लेषकों के अनुसार थोक का काम करने वाले और छोटे व्यापारी बिना हालमार्क के सोने को बेचने की जुगत में हैं। हालांकि 31 अगस्त तक पुराने सोने का स्टाक खत्म करने की छूट दी है। बाजार से जुड़े लोगों ने रेट कम होने के पीछे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आर्थिक बदलावों को भी इसका कारण बताया है।

भ्रम की स्थिति

15 जून को मेरठ में 24 कैरेट सोने के भाव 50,100 रुपये प्रति 10 ग्राम था शनिवार 19 जून को यह 48900 रुपये पर लुढ़क गया। एक जून से तुलना करें तो रेटों में 2 हजार रुपये की गिरावट है। सोने के व्यापारियों में इसको लेकर भ्रम की स्थिति है। हालमार्किंग कराने में संभावित पेचीदगियों को लेकर व्यापारी उसे निकालने की जुगत में हैं। अखिल भारतीय स्वर्णकार विकास परिषद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष संत कुमार वर्मा ने बताया कि ऐसे व्यापारी जिनके पास हालमार्किंग के मानक से कमतर सोने के आभूषण हैं उनके लिए सबसे बड़ी परेशानी है।

कम दाम में ही बेचने की मजबूरी

ऐसे व्यापारी अपना सोना किसी तरह बेचने की जुगत में हैं। ग्राहक भी चूंकि इस समय जागरूक है। इसलिए मजबूरी में ऐसे आभूषण कुछ कम दाम में बेचने को राजी हैं। अगर यह आभूषण नहीं बिकते हैं तो उसे गलाना पड़ेगा। जिससे आभूषणों की कारीगरी की लागत भी बेकार जाएगी। ऐसे में व्यापारी उतना डिस्काउंट ग्राहक को आफर कर आभूषण बेंचने को तैयार हैं। एक तोले के आभूषण पर कारीगरी की कास्ट एक से दो हजार रुपये तक बैठती है। मेरठ बुलियन ट्रेडर्स एसोसिएशन के महामंत्री विजय आनंद अग्रवाल सोने के रेटों में गिरावट के लिए हालमार्किंग के कारक को जिम्मेदार नहीं मानते हैं। बताया कि विदेशों में कई बैंकों ने अपनी ब्याज दरें बढ़ाने के संकेत दिए हैं जिसके चलते सोने के भाव में कमी आयी है।

500 करोड़ मूल्य के सोने के आभूषण बाजार में डंप

मेरठ में आभूषण बनाने का कार्य बड़े पैमाने पर होता है। शहर सराफा में डेढ़ हजार से अधिक छोटी बड़ी दुकानें हैं। जनपद में पांच हजार सराफा व्यापारी हैं। यही नहीं शहर में पांच से छह हजार बंगाली और महारष्ट्र के कारीगर निवास करते हैं। जम्मू कश्मीर से लेकर राजस्थान, महाराष्ट्र, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के विभिन्न भागों से सराफा व्यापारी यहां से ज्वैलरी आर्डर पर बनवाते हैं या खरीद कर ले जाते हैं। मेरठ 20 कैरेट की ज्वैलरी के निर्माता के रूप में जाना जाता है। 16 जून से हालमार्क के बिना ज्वैलरी बिकने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।

ज्वैलरी बाजार में डंप

पांच दिन हो गए हैं और अभी तक 20 कैरेट को मान्यता मिलने संबंधी अधिसूचना जारी नहीं हुई है। जिसके चलते लगभग पांच सौ करोड़ के सोने के आभूषण थोक बाजार में डंप पड़े हैं। मेरठ बुलियन ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रदीप अग्रवाल ने बताया कि अधिसूचना नहीं जारी होने से अभी केवल 14, 18 और 22 कैरेट की ज्वैलरी पर हालमार्किंग हो सकती है। शेष मानक की ज्वैलरी बाजार में डंप है। आर्डर देने वाले ग्राहक अधिसूचना जारी होने का इंतजार कर रहे हैं और माल नहीं उठा रहे हैं। शनिवार को बीआइएस की वेबसाइट भी अपग्रेड कार्य के चलते बंद थी।

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