प्राइमरी स्कूलों में बदलेगा गुरुजी के पढ़ाने का अंदाज
प्राइमरी स्कूलों में नए सत्र में पठन-पाठन का नजारा कुछ बदला-बदला नजर आएगा। गुरुजन नए अंदाज में पढ़ाएंगे।
मेरठ, जेएनएन। प्राइमरी स्कूलों में नए सत्र में पठन-पाठन का नजारा कुछ बदला-बदला नजर आएगा। गुरुजन नए अंदाज में पढ़ाएंगे। बच्चे केवल किताबों की बजाय क्लास में व्याप्त प्रिट रिच एनवायरनमेंट में पढ़ाई करेंगे। इस बाबत शिक्षकों का प्रशिक्षण सीमैट प्रयागराज करा रहा है। इस प्रशिक्षण में सभी पुराने व नए नियुक्त शिक्षकों के साथ ही प्रधानाध्यापकों को भी लखनऊ से आइ प्रिट मैटेरियल और एनसीईआरटी के मैथ्स किट के इस्तेमाल पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। आनलाइन चल रहे इस प्रशिक्षण की लाइव मानिटरिग सीधे लखनऊ से की जा रही है।
हर स्कूल को मिले 102 पोस्टर
प्रिट रिच सामग्री में बच्चों को तरह-तरह से शिक्षण देने वाले 37 प्रकार के पोस्टर तैयार किए गए हैं। हर प्राइमरी स्कूल को हर प्रकार के कुल 102 पोस्टर प्रदान किए गए हैं। ये सभी पोस्टर कक्षा एक से पांच तक के बच्चों की क्लास में लगाए जाएंगे। इन 37 तरह के पोस्टरों में 20 हिदी के और 17 गणित के हैं। हिदी में कविताएं, कहानी, कोई चित्र जिसे देखकर बच्चे उससे जुड़ी अपनी कहानी बताएंगे, दी गई हैं। इनसे बच्चों को समझने, वाक्य बनाने और आत्मविश्वास के साथ बोलने में मदद मिलेगी। वहीं मैथ्स किट में गिनती से लेकर ज्योमेट्री सहित कई तरह के उपकरण बच्चों को आसानी से गणित सिखाने और समझाने के लिए दिए गए हैं। इस प्रशिक्षण से स्कूलों में लर्निग एनवायरनमेंट को बदलने की कोशिश की जा रही है। 18 दिन तक चलेगी ट्रेनिग
जिले में 910 प्राइमरी स्कूल हैं। इनमें कार्यरत सभी शिक्षकों को प्रशिक्षण देने के लिए 22 फरवरी को ट्रेनिग शुरू की गई है, जो 11 मार्च तक चलेगी। हर बीआरसी पर शिक्षकों को आनलाइन प्रशिक्षण के बाद की ट्रेनिग देने के लिए 55 एकेडमिक रिसोर्स पर्सन और साल की-रिसोर्स पर्सन शामिल हैं। इस ट्रेनिग में शिक्षकों को बेसिक शिक्षा परिषद के समृद्ध माड्यूल के जरिए उपचारात्मक कक्षा के लिए भी ट्रेनिग दी जा रही है। इस ट्रेनिग में दोनों तरह से वार्तालाप करने के लिए वेब कैम का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे शिक्षक भी सीधे अपना सवाल पूछ रहे हैं। इनका कहना-
नए सत्र में बच्चों को नए तरह का शिक्षण माहौल देने के लिए शिक्षकों का प्रशिक्षण चल रहा है। पढ़ाई में तकनीक के इस्तेमाल पर भी जोर दिया जा रहा है, जिससे स्कूलों में शिक्षक प्रोजेक्टर के जरिए पढ़ा सकें। एनसीईआरटी मैथ्स किट, समृद्ध माड्यूल आदि के सटीक इस्तेमाल पर ही शिक्षकों की ट्रेनिग चल रही है।
रश्मि अहलावत, जिला समन्वयक, प्रशिक्षण, बीएसए कार्यालय