Guldar Terror: बिजनौर में गुलदार का आतंक, अकेले व्यक्ति पर हमला बोल देता है गीदड़
Guldars terror in Bijnor गुलदार जंगली जानवर शिकार की तलाश में अक्सर जंगलों से निकलकर ग्रामीण इलाकों की ओर पहुंच जाते है। इस समय गन्ने की खड़ी फसल होने की वजह से जंगली जानवरों को छिपने की जगह आसानी से मिल जाती है।
बिजनौर, जेएनएन। बढ़ापुर क्षेत्र में गुलदार जंगली जानवर शिकार की तलाश में अक्सर जंगलों से निकलकर ग्रामीण इलाकों की ओर पहुंच जाते है। इस समय गन्ने की खड़ी फसल होने की वजह से जंगली जानवरों को छिपने की जगह आसानी से मिल जाती है। इन खेतों में गुलदार के अलावा गीदड़ भी शरण लिए रहते है। अक्सर गीदड़ भी अकेले व्यक्ति हमला कर देता है।
कई ग्रामीणों पर कर चुका है हमला
पिछले दो माह में गुलदार कई ग्रामीणों पर हमले कर चुका है। दो सप्ताह पहले गांव भोगपुर निवासी सुखचैन सिंह व भतीजे सेवक सिंह पर गुलदार ने हमला कर घायल कर दिया था। लगभग तीन सप्ताह पहले गांव बहेड़ी में गुलदार ने जीत सिंह के डेरे पर बंधे गोवंश को निवाला बनाने का प्रयास किया था। वहीं, लगभग डेढ़ माह पहले गांव भोगपुर निवासी हरप्रीत सिंह पर बाजार से खरीदारी कर वापस लौटते समय गुलदार ने हमला कर दिया था। इस घटना के कुछ समय बाद ही वहां से गुजर रहे गांव कुआंखेड़ा निवासी गुरप्रीत व गुजन ङ्क्षसह पर भी गुलदार ने हमला कर घायल कर दिया था। दो माह पहले गांव कोटजुआना में बढ़ापुर निवासी नंदू पाल की चर रही बकरियों पर गुलदार ने हमला कर दिया था। हमले से कई बकरियां जख्मी हो गई थीं। इन घटनाओं के बाद वन कर्मियों ने मौका मुआयना भी किया था। वन कर्मियों की माने, तो अक्सर गीदड़ भी अकेले व्यक्ति हमला कर देता है।
इनका कहना है...
सभी हमले गुलदार नहीं कर रहा, बल्कि गीदड़ भी हमलावर हुए हैं। गांव टांडा सिक्कावाला, साहूवाला, वनविटोल, शाहनगर कुराली, लुहारवाली, मदपुरी, कुआंखेड़ा, भोगपुर, वीरभानवाला आदि गांव में जंगली जानवरों को भगाने के लिए वन विभाग की टीमें लगातार गश्त कर रही है। हाथियों को खदेडऩे के लिए आतिशबाजी की जा रही है।
-वीरेंद्र सिंह रावत, वन क्षेत्राधिकारी, साहूवाला रेंज नजीबाबाद