मोटे अनाज को उगाएं और मोटा मुनाफा कमाएं : कुलपति

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली द्वारा आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर भारत अमृत महोत्सव के रूप में कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में कृषि विवि में शुक्रवार को पोषण वाटिका महाअभियान व वृक्षारोपण कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 18 Sep 2021 02:11 AM (IST) Updated:Sat, 18 Sep 2021 02:11 AM (IST)
मोटे अनाज को उगाएं और मोटा मुनाफा कमाएं : कुलपति
मोटे अनाज को उगाएं और मोटा मुनाफा कमाएं : कुलपति

मेरठ, जेएनएन। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली द्वारा आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर भारत अमृत महोत्सव के रूप में कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में कृषि विवि में शुक्रवार को पोषण वाटिका महाअभियान व वृक्षारोपण कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। वक्ताओं ने कृषि की अच्छी पैदावार करने और मोटे अनाज की बुवाई के साथ खाने पर चर्चा की।

कार्यक्रम का शुभारंभ विवि के कुलपति डा. आरके मित्तल, मुख्यअतिथि राज्यसभा सदस्य विजयपाल सिंह तोमर और विधायक जितेंद्र सतवई ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित करके किया।

कृषि एवं किसान मंत्रालय की ओर से आयोजित लाइव प्रसारण कार्यक्रम में क्षेत्रीय किसान, बालिकाओं व विद्यार्थियों ने भाग लिया। कुलपति ने विवि की ओर से प्रधानमंत्री को जन्मदिन की शुभकामनाएं दी। कुलपति ने कहा किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार लगातार जोर दे रही है। किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए मूल्य संवर्धित उत्पाद बनाने की आवश्यकता हैं, जिससे किसानों की आय में बढोतरी होगी। लौंकी, करेला का जूस व कद्दू के बीज और पेठा का जूस स्वास्थ्य के लिए काफी लाभकारी हैं। इसे किसान संरक्षित कर बाजार में बेचे, जिससे अधिक कीमत मिल सके। मिश्रित खेती, फ्लोरीकल्चर, सब्जी उत्पादन, मशरूम उत्पादन, मधुमक्खी पालन, गाय, भैस, बकरी, कुक्कट पालन आदि कृषि विविधिकरण को अपनाना होगा।

कुलपति ने कहा कि केवीके पर एक एकड़ क्षेत्रफल में मोटे अनाजों की खेती प्रारंभ की जाएगी। जिससे क्षेत्रीय किसान रूबरू होकर तकनीकी ज्ञान हासिल कर सकें। फिर वह अपने खेतों पर मोटे अनाज की खेती शुरू कर सकें। 17 जिलों के 20 कृषि विज्ञान केंद्रों पर यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। मुख्य अतिथि विजय पाल सिंह तोमर ने कहा कि हमारे वैज्ञानिकों एवं किसानों की मेहनत के कारण आज हम आत्मनिर्भर हुए हैं। अब हमारा देश अनाज को निर्यात करने की स्थिति में आ चुका हैं। देश में 46 प्रतिशत लघु एवं सीमांत किसान हैं। वहीं यूपी में लघु एवं सीमांत किसानों का 50 प्रतिशत है। इसलिए ऐसी तकनीकों का विकास करना होगा जो कम लागत एवं छोटे किसानों के लिए लाभकारी हो। विधायक जितेंद्र सतवई ने कहा कि पोषण वाटिका से आय बढाने के साथ-साथ समाज में पोषण सुरक्षा मिलेगी। जिससे देश की जनता लाभांवित होगी। प्रबंध परिषद के सदस्य डा. महेश कौशिक, डा. शमशेर सिंह, डा. गोपालसिंह आदि ने भी विचार रखे। संचालन डा. सैलजा कटोज ने किया।

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