करिए एक कॉल, जख्मीं बेसहारा गोवंश की मरहम पट्टी को पहुंचेगी बागपत के युवाओं की टोली
बागपत में छह युवाओं की यह टोली सूचना मिलने पर अपने वाहनों से घायल पशु के पास पहुंचती है। दो साल में 350 घायल गोवंश का युवा कर चुके उपचार। ज्यादा घायल गोवंश को हरियाणा की गोशाला में उपचार के लिए भेजा।
बागपत, जेएनएन। घायल बेसहारा गोवंश का दर्द शहर के युवाओं की टोली समझती हैं। शहर और आसपास क्षेत्र में इन युवाओं ने अपने मोबाइल नंबर बांट रखें हैं, जब भी इनके मोबाइल पर काल आती है, तो टोली में शामिल युवा आधा घंटे में घायल पशु के पास पहुंच जाते हैं और मौके पर ही गोवंश का उपचार करते हैं। गोवंश को ज्यादा चोट लगी है, तो उपचार में नजदीक के पशु पालन विभाग के चिकित्सक या प्राइवेट चिकित्सक की सहायता भी लेते हैं। गोवंश की हालत ज्यादा चिंताजनक हो, तो एंबुलेंस से झज्जर, हरियाणा की गोशाला में भिजवा देते हैं।
बड़ौत शहर के हिमांशु शर्मा, संदीप सिंह, सौरभ जैन, कुलदीप कुमार, मोहित जैन, संयम जैन ने मिलकर बेसहारा गोवंश की सेवा करने की ठानी हैं। छह युवाओं की यह टोली सूचना मिलने पर अपने वाहनों से घायल पशु के पास पहुंचती है और प्राथमिक उपचार करती है। हिमांशु शर्मा का कहना है कि टोली के साथ लगभग 150 लोग और भी जुड़े हुए हैं, जो उपचार और एंबुलेंस में आने वाले खर्च में मदद करते हैं। कई बार सरकारी अस्पताल में दवाइयां नहीं मिलती है, तो दुकानों से खरीदनी पड़ती है। दो साल में युवा 350 से ज्यादा घायल गाेवंश का उपचार कर चुके हैं। सभी लोगों ने अपने मोबाइल नंबर क्षेत्र में बांट रखे हैं, जिनके माध्यम से घायल गोवंश की जानकारी उन पर पहुंच जाती है। उपचार के अलावा बेसहारा गोवंश के चारे का इंतजाम भी यही युवा करते हैं। खासकर पिछले और इस साल कोरोना काल में लगे लाकडाउन में बेसहारा पशुओं को चारा खिलाया जाता है।
सलाह पर शुरू की गोवंश की सेवा
बड़ौत शहर के रहने वाले हिमांशु शर्मा ने बताया कि वह ढाई साल पहले झज्जर, हरियाणा में बनी गोशाला में गए थे, वहां पर गोशाला के मालिक सुनील निमानिया ने ही उन्हें बेसहारा घायल गोवंश का उपचार करने की सलाह दी थी, जिसके बाद उनके साथ सौरभ जैन, संदीप सिंह, कुलदीप कुमार, मोहित जैन, संयम जैन जुड़ गए।