Green Corridor: गुर्दा बचाने के लिए मेरठ से गुरुग्राम तक बनेगा ग्रीन कारिडोर, ये प्लानिंग है ट्रैफिक पुलिस की
Green Corridor यह मेरठ की ट्रैफिक पुलिस के लिए परीक्षा भी होगी। सोमवार सुबह पांच बजे मेरठ से गुरुग्राम के लिए सैंपल भेजा जाएगा। दो घंटे में सैंपल का पहुंचना जरूरी है इसलिए ऐसी व्यवस्था की जा रही है। यातायात पुलिस भी इसके लिए तैयार है।
मेरठ, जागरण संवाददाता। ग्रीन कारिडोर (सुरक्षित गलियारा) बनाकर सोमवार सुबह पांच बजे मेरठ से गुरुग्राम के लिए सैंपल भेजा जाएगा। दो घंटे में सैंपल का पहुंचना जरूरी है, इसलिए ऐसी व्यवस्था की जा रही है। इसकी तैयारी यातायात पुलिस ने पूरी कर ली है। रूट चार्ट भी तैयार कर लिया गया है। संभवत: यह पहला मौका है, जब किसी सैंपल को भेजने के लिए ग्रीन कारिडोर बनाया जा रहा है। ट्रैफिक पुलिस का लक्ष्य यह रहेगा कि सैंपल सही समय पर अपने गंतव्य तक पहुंच जाए।
किडनी ट्रांसप्लांट केस
एसपी ट्रैफिक जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि न्यूटिमा हास्पिटल में एक मरीज की किडनी ट्रांसप्लांट होनी है। इसके लिए मरीज और डोनर के खून की जांच होनी है। अस्पताल प्रबंधन ने उनसे संपर्क साधा और बताया कि दो घंटे में सैंपल का गुरुग्राम स्थित लैब में पहुंचना जरूरी है। एंबुलेंस को सोमवार सुबह पांच बजे भेजा जाना है, इसलिए ग्रीन कारिडोर की आवश्यकता है।
ऐसा रहेगा रूट
एसपी ट्रैफिक ने बताया कि इसके लिए व्यवस्था कर दी गई है। एंबुलेंस को डिग्गी तिराहे से सीसीएसयू के सामने से होते हुए साकेत चौराहे से निकाला जाएगा, जहां से लालकुर्ती थाने के सामने से टैंक चौराहे से वाया कंकरखेड़ा रेलवे फ्लाईओवर एंबुलेंस थाने के सामने पहुंचेगी। इसके बाद सरधना फ्लाईओवर से बाईं ओर मुड़कर एनएच-58 पर परतापुर इंटरचेंज से दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे से होते हुए गुरुग्राम तक पहुंचाया जाएगा।
40 मिनट का लक्ष्य निर्धारित
एसपी ट्रैफिक ने बताया कि एंबुलेंस को मेरठ से निकालने के लिए 40 मिनट का समय निर्धारित किया गया है। इसके चलते सुबह पांच बजे ही ट्रैफिक पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगा दी गई है। साथ ही थाना पुलिस से भी संपर्क में रहने के लिए कहा गया है। बताया कि गाजियाबाद पुलिस से भी इस संबंध में संपर्क कर लिया गया है, वहां भी पूरा सहयोग करने की बात कही गई है। गौरतलब है कि इसके पहले भी कई मामलों में देश में ग्रीन कारिडोर बनाए गए हैं। इसके लिए मुख्य लक्ष्य यह रहता है कि मरीज तक समय से सुविधा को पहुंचा दिया जाए। ऐसे ट्रैफिक पुलिस की भी भूमिका अहम हो जाती है।