बागपत में ADM व ASP भीड़ को देख हुए आग बबूला, फिर क्या था... पुलिस ने दौड़ा-दौड़ाकर पीटा, तस्वीरें
बागगपत के बडौत में मतगणना के दौरान भारी जमा हुई भीड़ को देखकर एडीएम और एएसपी ने लाठी चार्ज के आदेश दे दिए। जिसके बाद पुलिस ने खुले मैदान में दौड़ा दौड़ाकर पीटना शुरू कर दिया और कुछ ही देर में भीड़ को हटा दिया।
बागपत, जेएनएन। छपरौली रोड स्थित कालिंदी कालेज बड़ौत ब्लाक के मतगणना केंद्र के बाहर प्रत्याशी, एजेंट और उनके समर्थक सुबह से ही कोरोना गाइड लाइन की धज्जियां उड़ा रहे थे। पुलिस के बार-बार कहने पर भी नहीं माने। इसी बीच में एडीएम और एएसपी मौके पर मतगणना केंद्रों का निरीक्षण करने के लिए पहुंचे थे। जब उन्होंने जमा होती इतनी भीड़ को देखा तो वे आग बबूला हो गए। फिर क्या था... एएसपी मनीष कुमार मिश्र ने पुलिस को तुरंत भीड़ हटाने के निर्देश जारी कर दिए।
पुलिस को तो जैसे बस इसी का इंतजार था... इतना सुनते ही पुलिस लाठी लेकर दौड़ पड़ी। मतगणना में शामिल होने पहुंचे एजेंटों ने जब ऐसी स्थिति देखी तो वे भागने लगे और पुलिस दौड़ा दौडकर पीटाना शुरू कर दिया। हालाकि पुलिस का रौद्र रूप देख लोग भीड़ से छटकर भागने लगे और देखते ही देखते पूरा मैदान खाली हो गया। जागरण संवादाता ने बताया कि पुलिस ने सुबह लगभग 10 बजे लाठीचार्ज कर दौड़ा लिया था। कई प्रत्याशी और एजेंटों ने अपने मतगणना पास दिखाए तो उन्हें छोड़ दिया गया। यहां स्वयं एडीएम अमित कुमार और एएसपी मनीष कुमार मिश्र पहुंचे थे और दोनों ही भीड़ को देखकर आग बबूला हो गए। चूंकि केंद्र के बाहर कोरोना गाइड लाइन का पालन नहीं किया जा रहा थे।
एएसपी ने भी भांजी लाठियां
एएसपी ने स्वयं कई लोगों को लाठियां फटकारते हुए खदेड़ा। एएसपी लाठियां भांजते कैमरे में भी कैद हो गए। इस दौरान वहां भगदड़ मच गई और लोग खेतों में भाग खड़े हुए। पुलिस की सख्ती के बाद केंद्र पर भीड़ कम हो गई है। इस दौरान 10 से ज्यादा लोगों को पकड़कर कोवताली में लाया गया है। एएसपी ने बताया कि बल प्रयोग नहीं किया गया है बल्कि उन्हें वहां से खदेड़ा गया है चूंकि प्रत्याशी और एजेंट भीड़ लगाए बैठे थे और कोरोना गाइड लाइन का उल्लंघन कर रहे थे।
आखिर कैसे पहुंच गई इतनी भीड़
कई दिन से पुलिस-प्रशासन की ओर से कहा जा रहा था कि मतगणना केंद्र पर कोरोना गाइड लाइन का पालन करना है और ज्यादा लोगों को केंद्र पर नहीं आना है, लेकिन उसके बावजूद मतगणना केंद्र पर सुबह से ही भीड़ लग गई। सवाल यह है कि पुलिस ने गांवों से ही इतनी भीड़ आने क्यों दी?