'संक्रमित व्यवस्था' को सरकार की क्लीन चिट
मेरठ में संक्रमण से लेकर मृत्यु दर तक काफी अधिक रही है। मेरठ में मरीजों की बेकदरी को लेकर तमाम सवाल उठे दवाओं की कालाबाजारी से लेकर अनुपलब्धता की शिकायतें लखनऊ तक गूंजी।
मेरठ, जेएनएन। मेरठ में संक्रमण से लेकर मृत्यु दर तक काफी अधिक रही है। मेरठ में मरीजों की बेकदरी को लेकर तमाम सवाल उठे, दवाओं की कालाबाजारी से लेकर अनुपलब्धता की शिकायतें लखनऊ तक गूंजी। आक्सीजन के अभाव में मरीजों के मरने के आरोपों के अलावा मेडिकल कालेज में संतोष और हुस्नआरा प्रकरण ऐसे मामले थे, जिसे लेकर अफसरशाही में मुख्यमंत्री के दौरे को लेकर भय था। लेकिन सवा तीन घंटे के दौरे में वे व्यवस्था को और सुधारने तथा मरीजों की सुविधाएं बढ़ाने की बात कहते रहे।
मुख्यमंत्री सूबे में कोरोना संक्रमण के नीचे आते ग्राफ को लेकर आश्वस्त दिखे और यहां तक कहा कि ट्रेसिंग, टेस्टिंग और ट्रीटमेंट के सहारे शासन-प्रशासन ने विज्ञानियों के दावे को झुठलाया है। दूसरी लहर की तबाही और तीसरे लहर की आशंका के बीच मुख्यमंत्री शायद अपने मैनपावर को साधकर रखना चाहते हैं और व्यवस्था में कोई बदलाव किए बगैर स्थितियों को दुरुस्त करना चाहते हैं, संभवत: यही वजह रही कि उन्होंने उन मामलों पर पूछताछ तक नहीं की जिसकी वजह से सरकार की कोशिशों पर पानी फिरा। मुख्यमंत्री का दौरा पूरा होने के बाद प्रशासनिक-चिकित्सा विभाग के अफसरों ने तो राहत की सांस ली लेकिन कोरोना का दिया दर्द झेलने वाले नाखुश दिखे। इंटरनेट मीडिया पर भी यही सवाल उठता रहा कि अप्रैल के दूसरे पखवाड़े से मई के पहले सप्ताह तक बेपटरी हुई व्यवस्था की आखिर जवाबदेही तय क्यों नहीं तय की गई?
20 मई से चलेगी आनलाइन पढ़ाई
मेरठ: कोविड संक्रमण के चलते स्कूल, कालेज और विश्वविद्यालय बंद हैं। कुछ जगह ग्रीष्मकालीन छुट्टी भी हो गई है। आनलाइन पढ़ाई भी स्थगित है। माध्यमिक स्कूलों में 20 मई से ग्रीष्मकालीन अवकाश प्रस्तावित है। लेकिन कोविड की वजह से 20 मई तक सभी स्कूल बंद हैं। शिक्षामंत्री दिनेश शर्मा ने इसे ग्रीष्मकालीन अवकाश मानते हुए 20 मई से स्कूलो में आनलाइन क्लास संचालित करने को कहा है। हालांकि स्थानीय स्थिति को देखते हुए आनलाइन कक्षाओं को स्थगित करने का निर्णय भी लिया जा सकता है।