एमडीए का 17 करोड़ वापस करेगी सरकार, विकास पर होगा खर्च

शहर के विकास के लिए एमडीए को 17 करोड़ रुपये की ऐसी धनराशि मिलने वाली है जिसके मिलने की उम्मीद वह छोड़ चुका था। जल्द ही शासन 17 करोड़ की धनराशि देगा। यह धन भूमिगत पार्किंग पार्क समेत विभिन्न विकास कार्यो पर खर्च होगा।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 26 Oct 2021 10:53 AM (IST) Updated:Tue, 26 Oct 2021 10:53 AM (IST)
एमडीए का 17 करोड़ वापस करेगी सरकार, विकास पर होगा खर्च
एमडीए का 17 करोड़ वापस करेगी सरकार, विकास पर होगा खर्च

मेरठ, जेएनएन। शहर के विकास के लिए एमडीए को 17 करोड़ रुपये की ऐसी धनराशि मिलने वाली है, जिसके मिलने की उम्मीद वह छोड़ चुका था। जल्द ही शासन 17 करोड़ की धनराशि देगा। यह धन भूमिगत पार्किंग, पार्क समेत विभिन्न विकास कार्यो पर खर्च होगा।

दरअसल, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत एमडीए ने शताब्दीनगर, लोहियानगर व सरायकाजी में फ्लैट बनाए हैं। इन फ्लैटों के लिए जमीन एमडीए ने निश्शुल्क दी है। इसमें एक फ्लैट की कीमत है 4.50 लाख रुपये। इस 4.50 रुपये के फ्लैट की कीमत का भुगतान दो तरह से किया जा रहा है। आवंटी विभिन्न किस्तों में दो लाख रुपये देगा, जबकि 2.50 लाख रुपये की सब्सिडी एमडीए को सरकार देगी। वैसे तो सरकार ने इस सब्सिडी की भी पूरी धनराशि नहीं दी है। जबकि इन फ्लैटों को बनाने पर एमडीए के 4.50 लाख रुपये से ज्यादा खर्च हुए। लेकिन फ्लैटों तक आने-जाने के लिए एप्रोच रोड, सीवर लाइन, नाला, स्ट्रीट लाइट, बिजली के खंभे आदि बाह्य विकास कार्य प्रधानमंत्री आवास योजना में शामिल ही नहीं हैं। अब यदि इन बाह्य विकास के बिना ही आवंटियों को फ्लैट दे दिए जाएं तो वे खंडहर बन जाएंगे। ऐसे में मंडलायुक्त, जिलाधिकारी, एमडीए के अधिकारियों ने बाह्य विकास की तैयारी शुरू की। आकलन हुआ तो एस्टीमेट बना 17 करोड़ का। इसे शासन को भेज दिया गया। शासन ने प्रस्ताव यह कहकर वापस लौटा दिया कि इस तरह के भुगतान का कोई प्रविधान इस योजना में नहीं है। ऐसे में जिलाधिकारी ने ऊर्जा निगम, नगर निगम, जल निगम, पीडब्ल्यूडी समेत कई विभागों की बैठक बुलाई, लेकिन विभागों ने हाथ खड़े कर दिए। फिर तय हुआ कि एमडीए अपनी अवस्थापना निधि से यह कार्य कराए। कार्य शुरू हो गया। कुछ समय बाद फिर एमडीए की तरफ से शासन से इस धनराशि की मांग की गई। शासन ने फिर धनराशि देने से मना कर दिया, लेकिन इस तरह के कार्य के लिए उच्च स्तरीय समिति के समक्ष समस्या रखने का आश्वासन दिया। उसी का नतीजा रहा कि हाल ही में सरकार के निर्देश पर शासन के अधिकारियों ने बैठक की और बाह्य विकास पर खर्च हुए एमडीए के 17 करेाड़ रुपये वापस करने पर मुहर लग गई।

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