मेरठ में सरकारी विभाग दे रहे ऊर्जा निगम को झटका, 12.29 करोड़ की वसूली है बकाया

मेरठ में सरकारी विभाग बिजली बिलों का भुगतान नहीं कर रहे हैं। इससे पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड का बकाया बढ़ता जा रहा है। अब निगम इन विभागों को नोटिस भेजने की कार्रवाई कर रहा है। 31 मार्च तक हर हाल में बिलों को भुगतान करना है।

By PREM DUTT BHATTEdited By: Publish:Tue, 02 Mar 2021 11:25 AM (IST) Updated:Tue, 02 Mar 2021 11:25 AM (IST)
मेरठ में सरकारी विभाग दे रहे ऊर्जा निगम को झटका, 12.29 करोड़ की वसूली है बकाया
मेरठ में सरकारी विभाग बिजली बिलों का भुगतान नहीं कर रहे हैं।

मेरठ, जेएनएन। बिजली बिलों के भुगतान के मामले में सरकारी विभाग ही जब पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड को झटका दे रहे हैं तो आम उपभोक्ता को 24 घंटे कैसे बिजली नसीब होगी। पीवीवीएनएल ने अभी तक लगभग 20 सरकारी विभागों की सूची तैयार की है। जिन पर करीब 12.29 करोड़ रुपये बकाया हैं। इन विभागों को नोटिस भेजने की कार्रवाई की जा रही है।

इतने विभागों को जारी हुए नोटिस

लोक निर्माण विभाग अधिष्ठापन,आबकारी विभाग,कृषि तथा भूमि विकास एवं जल संसाधन, कृषि तथा पशुधन, पुलिस विभाग, नागरिक सुरक्षा, चिकित्सा शिक्षा परिवार कल्याण,स्वास्थ्य विभाग,महिला एवं बाल विकास विभाग,राजस्व विभाग, लोक निर्माण विभाग, शिक्षा विभाग माध्यमिक शिक्षा, शिक्षा विभाग उच्च शिक्षा, प्राथमिक शिक्षा, राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद, श्रम विभाग सेवायोजन, समाज कल्याण विभाग, सिंचाई विभाग व ग्राम्य विकास आदि को पीवीवीएनएल ने नोटिस जारी किया है।

प्रमुख बड़े बकायेदार सरकारी विभागों की सूची

पुलिस विभाग 2.94 करोड़

राजस्व विभाग जिला प्रशासन 1.78 करोड़

प्राथमिक शिक्षा विभाग 4.24 करोड़

न्याय विभाग 77.50 लाख

कृषि एवं अन्य संबद्ध ग्राम्य विकास 63.84 लाख

सिंचाई विभाग अधिष्ठापन 55.95 लाख

चिकित्सा शिक्षा परिवार कल्याण 53.09 लाख

स्वास्थ्य विभाग 47.35 लाख

महिला एवं बाल विकास विभाग 8.55 लाख

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इन्‍होंने कहा

पीवीवीएनएल के प्रबंध निदेशक के निर्देश पर सरकारी विभागोंं को बिल नोटिस दिया जा रहा है। 31 मार्च तक हर हाल में बिलों को भुगतान करना है। इन विभागों को बिल भुगतान स्थानीय स्तर से ही होना है। जबकि नगर निगम अंतर्गत स्ट्रीट लाइटों के बिलों का वैरीफिकेशन किया जा रहा है। वैरीफिकेशन के बाद डिमांड पोर्टल पर डाली जाएगी। यह भुगतान शासन स्तर से होता है।

विजय पाल सिंह, अधीक्षण अभियंता, शहर।

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