मेरठवासियों के लिए अच्‍छी खबर: कोरोना वायरस के लिए बैरियर बनेगा अधिक ताप और उच्च नमी

Meerut Coronavirus News मौसम के अनुसार अधिक तापमान व उच्च नमी को माना गया है कोरोना वायरस का दुश्मन। मेरठ समेत उत्तर पश्चिम भारत के अधिकांश भागों में बना हुआ ऐसा मौसम। जानिए क्‍या कहते हैं विशेषज्ञ।

By Taruna TayalEdited By: Publish:Tue, 11 May 2021 06:27 PM (IST) Updated:Tue, 11 May 2021 06:27 PM (IST)
मेरठवासियों के लिए अच्‍छी खबर: कोरोना वायरस के लिए बैरियर बनेगा अधिक ताप और उच्च नमी
कोरोना वायरस के लिए बैरियर बनेगा अधिक ताप और उच्च नमी।

मेरठ, [ओम बाजपेयी]। मेरठ: रात में बारिश हुई, मगर दिन के तापमान में तल्खी बरकरार है। सोमवार को उमस 73 प्रतिशत पहुंच गई और अधिकतम तापमान 33.3 डिग्री रहा। मौसम के विभिन्न पैरामीटर और कोरोना वायरस के संक्रमण के फैलाव के अंतर संबंध को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई शोध पत्र प्रकाशित हुए हैं। ऐसा

मौसम, जिसमें तापमान अधिक हो, साथ ही आद्र्रता भी उच्च हो, को कोरोना संक्रमण का अवरोधक बताया गया है। खास यह कि 16 मई तक ऐसा ही मौसम रहेगा। एक जून से देश में मानसून का आरंभ हो जाता है, उसके बाद लंबे समय तक वातावरण में नमी बनी रहती है। ऐसे में कोरोना संक्रमण के घटने की उम्मीद विज्ञानी लगाए हुए हैं।

निजी मौसम एजेंसी स्काइमेट के वरिष्ठ मौसम विज्ञानी महेश पलावत बताते हैं कि कोरोना पर मौसम के प्रभाव का अध्ययन एक जटिल विषय है। चीन समेत कई देशों के वैज्ञानिकों ने यह किया है मगर कोरोना ऐसा वायरस है जिसका ठंडे देशों में उतना ही प्रकोप देखने को मिला जितना गर्म देशों में। हालांकि जो अध्ययन हुए हैं, उनमें यह कामन फैक्टर है कि अगर आद्र्रता और तापमान अधिक हैं तो यह कोरोना के फैलाव में बाधक है। मेरठ कालेज में भूगोल विभाग के पूर्व अध्यक्ष और वर्तमान में इथियोपिया सिविल सॢवस विश्वविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर डा. कंचन सिंह ने मौसम के तीन मुख्य फैक्टर तापमान, वायु की गति और आद्र्रता के कोरोना वायरस पर पड़ने वाले प्रभाव को इस तरह बताया...

- भारतीय जलवायु के संदर्भ में अधिकतम तापमान 35 डिग्री से अधिक और आद्र्रता 80-90 तक, तो उसे अधिक आद्र्रता की श्रेणी में माना जाता है।

- तामपान अधिक है और आद्र्रता कम अर्थात वातावरण शुष्क है तो हवा का फैलाव तेजी से होता है। ऐसे में वायरस का संक्रमण बढऩे की प्रबल आशंका होती है।

- तापमान और आद्र्रता दोनों अधिक है तब वातावरण की नमी हवा के प्रवाह को काफी हद तक रोकने का काम करती है। नमी जितनी अधिक होगी, माना जाता है

कि वायरस का फैलाव उतना कम होगा।

यह है मेरठ के मौसम की स्थिति

मेरठ, एनसीआर और उत्तर पश्चिम भारत के कई जिलों में आद्र्रता बढ़ी हुई है। तापमान भी 35 डिग्री से अधिक है। महेश पलावत बताते हैं कि 16 मई तक बंगाल

की खाड़ी से चलने वाली हवा के कारण नमी का स्तर बढ़ा रहेगा। इसके साथ पश्चिमी विक्षोभ भी आते रहेंगे जिससे बारिश और आंधी की स्थितियां देखने को

मिलेंगी।

संभावना ही है, ढिलाई न बरतें

वरिष्ठ छाती रोग विशेषज्ञ डा. वीरोत्तम तोमर बताते हैं कि कोरोना लगातार अपने लक्षण और रूप बदल रहा है। यह तथ्य सही है कि वायरस अधिक गर्मी और नमी में उतना प्रभावी नहीं रहता मगर इसके बावजूद कोई ढिलाई नहीं बरतें। ऐसे मौसम में कंजक्टिवाइटिस और उल्टी दस्त की शिकायतें आती हैं। इनका समय पर उपचार कराना चाहिए। यह भी कोरोना के कारक बन रहे। नियमित भाप लें और गर्म पानी से गरारा करें।

मेरठ : पांच मई से अधिकतम तापमान और आद्र्रता

तिथि तापमान आद्र्रता

- पांच 36.8 53

- छह 36.4 60

- सात 32.8 63

- आठ 36 64

- नौ 37.4 54

- दस 33.3 73

यह हुए हैं शोध

-घाना के हेल्थ सॢवस विभाग ने मौसम के वैरिएबल तापमान, वायु की गति, आद्र्रता को आधार मानकर कोविड केसों का अध्ययन किया। इस शोध के निष्कर्षों के

अनुसार तापमान जब 24 से 29 डिग्री होता है तब कोविड संक्रमण तेजी से ऊपर जाता है। अगर औसत तापमान 29 डिग्री से अधिक बढ़ता है और आद्र्रता 70 तक पहुंच जाती है तो यह तेजी से घटता है।

- चीन के विज्ञानी दल ने चीन के 100 शहरों और यूएसए के 1005 यूएस काउंटी के कन्फर्म कोविड केसों का विश्लेषण मौसम के पैरामीटरों के आधार पर किया।

शोध में लिए गए कोविड संक्रमित कुल केसों की संख्या 810341 थी। इनका चीन में लिए गए पैरामीटर 20 डिग्री तक तापमान और आद्र्रता 49 से 100 प्रतिशत की रेंज में थी जबकि यूएसए में यह 29 डिग्री और 16 से 99 प्रतिशत। इससे मिले निष्कर्षों में स्पष्ट किया गया है कि उच्च तापमान व उच्च आद्र्रता में वायरस का जीवन काल कम हो जाता है। 

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