बागपत में नारी शक्ति की अच्‍छी पहल, वाट्सएप से कोरोना पाजिटिव परिवारों की करती हैं मदद

राष्ट्रीय आजीविका मिशन के स्वयं सहायता समूह से जुड़ी 25 महिलाओं ने मिलकर कोरोना पाजिटिव परिवारों की मदद करने की अच्छी पहल की है। इन महिलाओं ने प्रजेंट कोविड हेल्प नाम का ग्रुप बनाकर एक वाट्सएप नंबर जारी किया है। जिससे वे संक्रमित परिवारों की मदद करती हैं।

By Himanshu DwivediEdited By: Publish:Mon, 03 May 2021 04:18 PM (IST) Updated:Mon, 03 May 2021 04:18 PM (IST)
बागपत में नारी शक्ति की अच्‍छी पहल, वाट्सएप से कोरोना पाजिटिव परिवारों की करती हैं मदद
बागपत में महिलाओं की कोरोना मरीजों को लेकर अच्‍छी पहल।

[जहीर हसन] बागपत। राष्ट्रीय आजीविका मिशन के स्वयं सहायता समूह से जुड़ी 25 महिलाओं ने मिलकर कोरोना पाजिटिव परिवारों की मदद करने की अच्छी पहल की है। इन महिलाओं ने प्रजेंट कोविड हेल्प नाम का ग्रुप बनाकर एक वाट्सएप नंबर जारी किया है, जिसमें कोई भी कोरोना पाजिटिव व्यक्ति या उनका परिवार या कोरोना की वजह से बेरोजगार हुए लोग राशन, सब्जी और भोजन या दवा मांग सकते हैं। महिलाओं का यह ग्रुप दर्जनों परिवार की मदद कर चुका है।

पिछले सप्ताह कोरोना पाजिटिवों की मदद को जय अंबे महिला स्वयं सहायता समूह बिजरौल की करुणा शर्मा, ट्योढ़ी गांव की प्राची शर्मा तथा एकता स्वयं सहायता समूह खड़खड़ी गांव की कुसुम चौहान ने अपने समूह से अलग प्रजेंट कोविड हेल्प नाम ग्रुप बनाकर वाट्एसप नंबर 8923396590 जारी किया। इसका ऐसा असर हुआ कि इस ग्रुप से बिजरौल, बावली और टयोढ़ी आदि गांवों की 25 महिलाएं जुड़ गईं। महिलाओं ने आपस में गेहूं, दाल, चावल, चीनी, गर्म मसाले, आटा व अन्य चीजें जमा करने का काम शुरू किया। चार दर्जन परिवारों को मास्क, सैनिटाइजर और राशन, सब्जी जैसी चीजें मुफ्त में दी गई। इन महिलाओं द्वारा सामान को पीड़ितों तक पहुंचाने का जिम्मा गांव ट्योढ़ी के पारुल और निखिल तथा गांव बिजरौल के वंश ने उठाया है।

दूसरों की मदद से मिला सुकून

इस ग्रुप की प्राची शर्मा कहतीं हैं कि तीन दिन पहले बड़ौत की एक विधवा ने फोन कर बताया कि वह घरों में जाकर काम करतीं थी, लेकिन कोरोना के कारण काम छूट गया। तीन बच्चे और वह भूखमरी के कगार पर हैं। हमने आधा घंटे के अंदर उसके घर एक माह का राशन भेज दिया। दूसरों की मदद से जो सुकून मिला उसे शब्दों में बयां नहीं कर सकती हैं।

जब सोचा तो कांप गई: करुणा शर्मा कहतीं है कि वह यह सोचकर अंदर तक हिल गई कि कोरोना में बहुत से परिवारों का रोजगार खत्म हो गया है। इंसानियत की खातिर हम सबकी जिम्मेदारी बनती है कि दूसरों की मदद करें। यही सोचकर दूसरों की मदद करने के लिए यह ग्रुप बनाया है। कोरोना के संकट से घिरा कोई भी असहाय परिवार को सामान मुफ्त में उपलब्ध कराया जाएगा। उपायुक्त-राष्ट्रीय आजीविका मिशन ब्रजभूषण सिंह ने बताया कि वाकई स्वयं सहायता समूह से जुड़ी करुणा समेत कुछ महिलाओं की पीड़ित परिवारों की मदद करने की पहल सराहनीय है। 

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