देवी कात्यायनी का हुआ पूजन

लाकडाउन में मंदिरों के कपाट भले ही बंद रहे हों लेकिन घरों में देवी पूजा की।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 18 Apr 2021 11:45 PM (IST) Updated:Sun, 18 Apr 2021 11:45 PM (IST)
देवी कात्यायनी का हुआ पूजन
देवी कात्यायनी का हुआ पूजन

मेरठ, जेएनएन। लाकडाउन में मंदिरों के कपाट भले ही बंद रहे हों लेकिन घरों में देवी पूजन श्रद्धालुओं ने भक्ति भाव से किया। मंदिरों में प्रतिदिन होने वाला पूजन पुजारियों ने आसपास रहने वाले भक्तों के साथ किया।

लालकुर्ती स्थित रामा संकीर्तन मंदिर में नवरात्र महोत्सव चल रहा है। रविवार को देवी कात्यायनी के स्वरूप का पूजन हुआ। वीनू मिर्ग, शकुंतला ठाकुर और कमलेश आर्य मुख्य यजमान रहे। ट्रस्ट के महामंत्री सुरेश छाबड़ा ने कहा कि हमे दूसरों के जीवन में कांटे नहीं बिखेरने चाहिए। हो सके तो दूसरों के जीवन में खुशियां बिखेरनी चाहिए। 20 अप्रैल को अष्टमी पर्व मनाया जाएगा। कोरोना संक्रमण के चलते इस बार केवल 21 कंजकों का पूजन होगा। विगत वर्षो में 501 कंजकों को भोग लगाया जाता था।

मेरठ कालेज में चुनाव को लेकर निर्णय आज: मेरठ कालिजिएट एसोसिएशन (प्रबंध समिति) के चुनाव को लेकर सोमवार को निर्णय लिया जाएगा। कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण और रविवार को पूर्ण लाकडाउन की वजह से कालेज का चुनाव स्थगित कर दिया गया था। आगे चुनाव होगा या नहीं, इसे लेकर अब दोबारा से कवायद की जा रही है। निर्वाचन अधिकारी और कालेज प्राचार्य डा. युद्धवीर सिंह का कहना है कि चुनाव की नियमावली देखने के बाद और स्टाफ सदस्यों से वार्ता के बाद अंतिम निर्णय लिया जाएगा।

परीक्षाओं में फेरबदल 15 मई के बाद संभव : कोविड संक्रमण को देखते हुए चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय की सभी लिखित और प्रयोगात्मक परीक्षाएं स्थगित हो गई हैं। 15 मई तक कोई परीक्षा नहीं होगी। सीसीएसयू समेत पूरे प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों की परीक्षा स्थगित हुई हैं, ऐसे में पिछले साल की तरह इस बार भी परीक्षा को लेकर कुछ बदलाव किया जा सकता है।

कोविड का संक्रमण अगर 15 मई के बाद कम होता है तो ही विवि की परीक्षा कराई जा सकती है। अगर संक्रमण का खतरा और बढ़ता है तो परीक्षा की तिथि आगे भी टल सकती है। पिछले साल की तरह परीक्षा में कुछ बदलाव किया जा सकता है। विवि की परीक्षाओं को कराने में करीब दो महीने का समय लगेगा। अगर मई के आखिर में परीक्षा होती है तो अगस्त तक परीक्षा चलेगी। इससे विवि के शैक्षणिक सत्र को नियमित करना संभव नहीं होगा। हालांकि विवि प्रशासन इस समय शासन की ओर से कोविड के टीकाकरण के लक्ष्य पूरा करने में जुटा है।

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