पुलिस की अनदेखी और चली गई लाडली की जान
संवाद सूत्र, गंगानगर : भले ही मृतक छात्रा के परिजनों ने पुलिस को सूचना नहीं दी, लेकिन जब मेि
संवाद सूत्र, गंगानगर : भले ही मृतक छात्रा के परिजनों ने पुलिस को सूचना नहीं दी, लेकिन जब मेडिकल थाने से प्रारंभिक सूचना पुलिस के पास पहुंची तो पुलिस को छात्रा की खैर खबर लेनी चाहिए थी। पुलिस चाहती तो उसका किसी अच्छे अस्पताल में बेहतर उपचार करा सकती थी। छात्रा के पिता का कहना है कि पुलिस की अनदेखी के कारण उसकी लाडली की जान चली गई।
छह जनवरी को परिजनों ने गंभीर अवस्था में छात्रा मेडिकल मेरठ में भर्ती करा दिया। सात जनवरी की सुबह मेडिकल के सीएमओ की तरफ से एक प्रारंभिक सूचना भावनपुर थाने में भेजी गई। लिखित में बताया गया कि इस गांव की एक लड़की 85 फीसद जल चुकी है। मेडिकल में भर्ती है। बावजूद इसके पुलिस ने मेडिकल में पहुंचकर छात्रा की कोई खैर खबर नहीं ली। पुलिस सूत्रों का कहना है कि थाने के मुंशी शौराज सिंह और संजीव के पास यह सूचना पहुंची थी। बताया जा रहा है कि आठ और नौ जनवरी तक उन्होंने यह सूचना दबाए रखी। 10 जनवरी को मुंशी ने एसओ भावनपुर करतार सिंह को बताया। एसओ की लापरवाही की हद तो तब हो गई, जब सूचना के बाद भी वह मेडिकल में छात्रा का हाल जानने के लिए नहीं पहुंचे। विश्व ¨हदू परिषद के पदाधिकारियों दिग्विजय सिंह और अर्जुन राठी की दखल के बाद थाना प्रभारी समेत सभी अफसरों की आंख खुली।
एसएसपी ने मेडिकल पहुंच जाना परिवार का हाल
एसएसपी मंजिल सैनी को जब छात्रा के बारे में जानकारी मिली तो वह पूरे अमले के साथ मेडिकल में पहुंची और छात्रा के परिजनों से बातचीत की। परिवार को एसएसपी ने आश्वासन दिया कि चारों आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जाएगी। उन्होंने कहा कि यदि इस मामले में पुलिस की लापरवाही सामने आती है तो पुलिसकर्मियों पर भी कार्रवाई की जाएगी।