हाईवे पर पेड़ से लटका मिला गाजियाबाद के व्यक्ति का शव

गाजियाबाद के व्यक्ति की सोमवार को संदिग्ध हालात में मौत हो गई।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 02 Aug 2021 11:15 PM (IST) Updated:Mon, 02 Aug 2021 11:15 PM (IST)
हाईवे पर पेड़ से लटका मिला गाजियाबाद के व्यक्ति का शव
हाईवे पर पेड़ से लटका मिला गाजियाबाद के व्यक्ति का शव

मेरठ,जेएनएन। गाजियाबाद के व्यक्ति की सोमवार को संदिग्ध हालात में मौत हो गई। उसका शव कंकरखेड़ा क्षेत्र में हाईवे किनारे पेड़ पर रस्सी के फंदे से लटका हुआ मिला। जेब से मिली डायरी में लिखे मोबाइल नंबर से उसकी शिनाख्त हुई। स्वजन ने इसे आत्महत्या बताया है। दूसरी ओर, हालात हत्या की ओर भी इशारा कर रहे हैं।

पुलिस के मुताबिक, गाजियाबाद के लालकुआं के पास बुलंदशहर रोड स्थित मोहल्ला चरण विहार निवासी रामवीर पुत्र वीर सिंह कई दिन से बीमार थे। 28 जुलाई को वीर सिंह पत्नी सुनीता के साथ अपनी ससुराल टीपीनगर के गोलाबढ़ गांव में आए थे। 31 जुलाई को रामवीर और सुनीता मेडिकल स्टोर से दवा लेने गए थे। रामवीर ने सुनीता से कहा कि उनके पेट में दर्द हो रहा है, वह घर जा रहे हैं, तुम आ जाना। सुनीता जब गोलाबढ़ पहुंचीं तो वहां रामवीर नहीं थे। सुनीता ने तलाश किया और टीपीनगर थाने में तहरीर दी, मगर उनका सुराग नहीं लगा। सोमवार को राहगीरों ने एक व्यक्ति का शव शोभापुर फ्लाईओवर के पास रजवाहे किनारे पेड़ पर रस्सी के फंदे से लटका देखा। शोभापुर चौकी से पुलिस मौके पर पहुंची और डायरी से नंबर लेकर स्वजन को सूचना दी। स्वजन ने रामवीर की शिनाख्त की। पुलिस ने शव मर्चरी पहुंचा दिया। इंस्पेक्टर तपेश्वर सागर ने बताया कि स्वजन के मुताबिक व्यक्ति बीमार था जिस कारण उसने आत्महत्या कर ली। तहरीर मिलने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। आत्महत्या या हत्या, उठ रहे सवाल

पुलिस भले ही आत्महत्या मानकर घटना से पल्ला झाड़ रही हो, लेकिन घटनास्थल की स्थिति को देखकर हत्या की आशंका से भी इन्कार नहीं किया जा सकता। सवाल यह है कि गाजियाबाद के व्यक्ति ने ससुराल में आकर ही आत्महत्या क्यों की। लापता होने के दो दिन बाद शव मिलना भी संदेह पैदा कर रहा है। सबसे बड़ा सवाल तो यह है कि फंदे पर लटका शव जमीन से ऊपर था। ऊपर उठने के लिए भी मौके पर कोई कुर्सी-मेज या अन्य चीज भी नहीं मिली है। तो ऐसे में रामवीर कैसे बिना किसी मदद या सहारे के ऊपर उठकर फांसी लगा सकता है। रामवीर के पास मोबाइल भी नहीं था, सिर्फ डायरी थी। इस डायरी पर लिखे दोस्त के नंबर से उसकी शिनाख्त हुई। हत्या के दृष्टिकोण से जांच इसलिए भी होनी चाहिए कि मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है।

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