सेना प्रमुख और सीडीएस बनने के बाद मेरठ आए थे जनरल रावत,युद्ध तैयारियों का लिया था जायजा
General Bipin Rawat सीडीएस बनने के बाद पहली बार मेरठ छावनी में इसी साल 19 अप्रैल को आए थे। दोनों डिवीजनों में निरीक्षण के दौरान जनरल रावत ने हर परिस्थिति के लिए तैयार रहने को कहा था। आवासीय फ्लैटों में अनियमितता की भी की थी समीक्षा।
मेरठ, जागरण संवाददाता। General Bipin Rawat जनरल बिपिन रावत दो साल में दो बार मेरठ छावनी आए थे। सेना प्रमुख बनने के बाद पहली बार चार मई 2019 को मेरठ छावनी स्थित पाइन डिवीजन और चार्जिंग रैम डिवीजन की युद्ध की तैयारियों का जायजा लेने पहुंचे थे। इसके बाद सीडीएस बनने के बाद पहली बार मेरठ छावनी में इसी साल 19 अप्रैल को आए थे। दोनों डिवीजनों में निरीक्षण के दौरान जनरल रावत ने हर समय हर परिस्थिति के लिए तैयार रहने को कहा था। सेना प्रमुख बनने के बाद से ही उन्होंने सेना में बदलाव को प्रमुखता से देखते हुए कार्यवाही आगे बढ़ाई और उसी क्रम में सेना के अफसरों को गैर जरूरी सैन्य विभागों व सेना से जुड़े सिविल विभागों से वापस बुलाकर युद्ध की तैयारियों में शामिल करने पर जोर दिया था।
दी थी स्पेशलाइज्ड ट्रेनिंग की जानकारी
पश्चिमी कमान के अंतर्गत आने वाली मेरठ छावनी की दोनों डिवीजनों का विशेष महत्व भी है। जनरल रावत ने मेरठ में वरिष्ठ अधिकारियों से बातचीत के दौरान बताया था कि किस तरह सैन्य फार्मेशनों के लिए स्पेशलाइज्ड ट्रेनिंग की व्यवस्था कराई जा रही है। स्पेशलाइज्ड ट्रेनिंग में तरह-तरह की गुणवत्ता से सुसज्जित फोर्स तैयार हो रही है जिन्हें किसी विशेष आपरेशन में इस्तेमाल किया जाएगा। इस कार्यक्रम में जनरल रावत ने रिटायर्ड अफसरों वाइस चीफ लेफ्टिनेंट जनरल शांतनु चौधरी, मेजर जनरल जेआर भट्टी, ब्रिगेडियर रनबीर सिंह आदि से मुलाकात भी की थी।
आवासीय फ्लैटों में अनियमितता से थे नाराज
19 अप्रैल को जनरल रावत सीडीएस के तौर पर मेरठ छावनी आए थे। इस निरीक्षण के दौरान उन्होंने छावनी में सेना के लिए बनाए जा रहे आवासीय फ्लैटों की अनियमितता की समीक्षा की थी। बन रही सैन्य कालोनियों में मिली खामियों और अनियमितताओं की जांच को लेकर सेना ने अक्टूबर 2020 में ही सीबीआइ जांच के आदेश दे दिए थे। सीडीएस की अकस्मात मृत्यु होने पर मेरठ छावनी में भी सेना ने झंडा झुका दिया है।