मेरठ की हाईप्रोफाइल कालोनियों में बढ़ रही चरस और गांजा की मांग, मिले रजिस्‍टर में कई बड़े उद्यमियों के नाम

अकेले पंजाब में ही नशे की प्रवृत्ति नहीं फैली है। बल्कि मेरठ शहर में भी नशे का धंधा जड़ें जमा चुका है। सांस के जरिए युवाओं के खून में नशा घुल रहा है। राजू चौहान की गिरफ्तारी के बाद पुलिस को कई अहम राज हाथ लगे है।

By Prem BhattEdited By: Publish:Sat, 26 Sep 2020 12:41 AM (IST) Updated:Sat, 26 Sep 2020 06:41 AM (IST)
मेरठ की हाईप्रोफाइल कालोनियों में बढ़ रही चरस और गांजा की मांग, मिले रजिस्‍टर में कई बड़े उद्यमियों के नाम
मेरठ में गांजा और चरस का कारोबार तेजी से फैल रहा है।

मेरठ, जेएनएन। अकेले पंजाब में ही नशे की प्रवृत्ति नहीं फैली है। बल्कि मेरठ शहर में भी नशे का धंधा जड़ें जमा चुका है। सांस के जरिए युवाओं के खून में नशा घुल रहा है। राजू चौहान की गिरफ्तारी के बाद पुलिस को कई अहम राज हाथ लगे है। चरस और गांजा की सबसे ज्यादा सप्लाई शहर की हाईप्रोफाइल कालोनियों में है। राजू के कब्जे से पुलिस को जो रजिस्टर मिला है। उसमे शहर के कई बड़े घरानों के परिवार के नाम भी लिखे है, जिन्हें हर रोज चरस और गांजा की पुडिया सप्लाई दी जाती है।

करीब 242 ग्राहक ऐसे है, जो हर रोज चरस, गांजा और भांग की सप्लाई लेते है। कुछ सप्ताह और महीने वाले भी ग्राहक है। रविवार को नशे की खेप की बिक्री अन्य दिनों से ज्यादा है। माना जा रहा है कि संडे में काफी लोग सुखा नशा करते है। पुलिस इस पूरे रैकेट का पर्दाफाश करने में लगी हुई है।

नशे का व्‍यापार संगठनों के प्रयास से भी नहीं हुआ है कम  

नशे के खिलाफ लोगों में जागरूकता फैलाने व लत छुड़ाने के लिए कई संगठन भी काम कर रहे हैं। शायद यह कार्य कागजों पर हो रही है। अंतरराष्ट्रीय नशा व मादक पदार्थ निषेध दिवस (इंटरनेशनल डे अंगेस्ट ड्रग एब्यूज एंड इलिसिट ट्रैफिकिंग) पर तो स्कूली बच्चे रैली निकाल कर भी लोगों को जागरूक कर रहे हैं। उसके बावजूद भी शहर के अंदर बड़े पैमाने पर चरस, गांजा और भांग की सप्लाई हो रही है। 

एक दिन में दस लाख की सप्‍लाई

पकड़े गए सौदागर एक दिन भी दस लाख तक की सप्लाई कर चुके है। यह सप्लाई शहर से बाहर भी गई है। राजू चौहान और सतेंद्र ही इस पूरे रैकेट को चला रहे थे। राजू चौहान से पूछताछ में सामने आया कि शहर की पॉश कालोनी साकेत, थापर नगर, शास्त्रीनगर, शम्भूनगर, सुशांत सिटी, मोदीपुरम, पल्लवपुरम, कंकरखेड़ा की कई कालोनी, शताब्दीनगर समेत कई बड़ी शहर की कालोनियों के नाम बताए है, जहां हर रोज चरस और भांग की सप्लाई जाती है।

कई बड़े परिवारों के नाम

एसओ रवेंद्र पहलावत ने बताया कि राजू के पास से बरामद हुए रजिस्टर में कई बड़े परिवार के बच्चों के नाम लिखे हैं, जो चरस की खरीदारी करते है। कई बड़े उद्यमियों के परिवार भी सप्लाई ले रहे है। उससे साफ है कि शहर में नशे का धंधा पंजाब की तरह फैलता जा रहा है। वाट्सएप पर आर्डर लेकर माल की घर पर ही डिलीवेरी दे दी जाती है।

इन्‍होंने क्‍या कहा

हुक्का बार के बाद चरस, गांजा और भांग की अवैध बिक्री करने वाले सौदागरों के खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी। सभी थाना प्रभारियों को आदेश दिया गया कि अपने अपने क्षेत्र में नशे की अवैध खेप न बिकने दे। पुलिस जल्द ही एक टीम बनाकर नशे के नेटवर्क को तोडऩे का काम करेगी। उसके लिए अभिभावकों से भी अपिल की जाती है कि अपने बच्चों की देख रेख रखे। क्योंकि नशे की खेप की ज्यादा खरीदारी करने वाले युवा है, जो हर रोज नशे की पुडिया खरीद रहे है। पुलिस नशे की खेप पहुंचाने वाले आरोपितों पर भी कार्रवाई करेगी।

- राजीव सभरवाल, एडीजी जोन

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