गंगा एक्सप्रेस वे : गांवों में सर्वे पूरा, अब बची जमीन का होगा अधिग्रहण

मेरठ से प्रयागराज तक प्रस्तावित गंगा एक्सप्रेस-वे के निर्माण की प्रक्रिया तेजी से पूरी की जा रही है। भूमि अर्जन पुनर्वासन और पुन‌र्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता के अधिकार को लेकर परियोजना से प्रभावित जनपद के आठ गांवों में सर्वे कराकर रिपोर्ट तैयार की गई है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 15 Oct 2021 10:11 PM (IST) Updated:Sat, 16 Oct 2021 10:27 AM (IST)
गंगा एक्सप्रेस वे : गांवों में सर्वे पूरा, अब बची जमीन का होगा अधिग्रहण
गंगा एक्सप्रेस वे : गांवों में सर्वे पूरा, अब बची जमीन का होगा अधिग्रहण

मेरठ, जेएनएन। मेरठ से प्रयागराज तक प्रस्तावित गंगा एक्सप्रेस-वे के निर्माण की प्रक्रिया तेजी से पूरी की जा रही है। भूमि अर्जन पुनर्वासन और पुन‌र्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता के अधिकार को लेकर परियोजना से प्रभावित जनपद के आठ गांवों में सर्वे कराकर रिपोर्ट तैयार की गई है। अब इन आठ गांवों में लोक सुनवाई कर आपत्ति व सुझाव आमंत्रित किए जाएंगे। साथ ही अधिग्रहण की प्रक्रिया को शुरू कर बची जमीन का अधिग्रहण कार्य पूरा किया जाएगा।

गंगा एक्सप्रेस-वे के निर्माण से किनारे के गांवों पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर एसआर एशिया एजेंसी द्वारा सर्वे कराया गया था। सर्वे कर एजेंसी ने सामाजिक समाघात आकलन रिपोर्ट जिला प्रशासन को सौंप दी है। अब जनपद के आठ गांवों में विभिन्न बिंदुओं पर आपत्ति व सुझाव प्राप्त करने के लिए लोक सुनवाई शुरू की जाएगी। लोक सुनवाई के दौरान नामित एसडीएम ग्रामीणों के समक्ष सामाजिक समाघात आकलन रिपोर्ट को पढ़कर सुनाएंगे। साथ ही ग्रामीणों की आपत्ति व सुझाव भी आमंत्रित किए जाएंगे। मौके पर ही आपत्तियों के निस्तारण का प्रयास किया जाएगा।

गांवों में 21 अक्टूबर को होगी लोक सुनवाई

गांवों में लोक सुनवाई के लिए कार्यक्रम तय किया है। 21 अक्टूबर को गांव बघौली गोविंदपुर व खड़खड़ी गांव के प्राथमिक विद्यालय में सुबह 11 बजे एसडीएम सदर संदीप भागिया की अध्यक्षता में लोक सुनवाई होगी। इसके बाद दोपहर तीन बजे गांव बिजौली, भगवानपुर, अतराड़ा, अटौला, शाफियाबाद लौटी के गांवों की लोक सुनवाई एसके एकेडमी गांव बिजौली में होगी। यहां ग्रामीण एक्सप्रेस-वे परियोजना को लेकर अपने सुझाव व आपत्ति अधिकारी के समक्ष दर्ज करा सकेंगे।

शीघ्र होगा 10 फीसद जमीन का अधिग्रहण

जनपद के आठ गावों में 546 किसानों से 181 हेक्टेयर जमीन खरीदी जानी है। इसके एवज में 275 करोड़ 85 लाख 82 हजार 937 रुपये दिए जाने हैं। अभी तक 90 फीसद जमीन का अधिग्रहण किया जा चुका है। जबकि लगभग 12 हेक्टेयर जमीन पर किसानों में आपस में विवाद है। शीघ्र ही बची 10 फीसद जमीन का अधिग्रहण भी कर लिया जाएगा।

गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए जरूरी 90 फीसद जमीन का अधिग्रहण किया जा चुका है। अब गांवों में सामाजिक समाघात अध्ययन रिपोर्ट आ चुकी है। 21 अक्टूबर को गांवों में लोक सुनवाई की जाएगी।

सुलतान अशरफ सिद्दीकी, एडीएम एलए

chat bot
आपका साथी