Ganga Expressway Project: निर्माण प्रक्रिया शुरू, मेरठ जनपद के इतने गांवों से होकर गुजरेगा हाईवे

Ganga Expressway Project सरकार की सबसे अहम परियोजना में से एक गंगा एक्सप्रेस-वे की राह बाधाएं हट गईं हैं। अब इसके निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। यह हाईव 300 से ज्यादा किसान परिवारों की भूमि से होकर गुजरेगा।

By PREM DUTT BHATTEdited By: Publish:Sat, 16 Jan 2021 02:30 PM (IST) Updated:Sat, 16 Jan 2021 02:30 PM (IST)
Ganga Expressway Project: निर्माण प्रक्रिया शुरू, मेरठ जनपद के इतने गांवों से होकर गुजरेगा हाईवे
योगी सरकार की महत्‍वपूर्ण परियोजना गंगा एक्‍सप्रेस वे पर काम अब शुरू हो जाएगा।

मेरठ, जेएनएन। Ganga Expressway Project आखिर वो समय आ ही गया जिसका सभी को बेसब्री से इंतजार था। उत्तर प्रदेश सरकार के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट गंगा एक्सप्रेस-वे के निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। सबसे पहले किसानों की भूमि की खरीद के लिए सर्वे करके अधिसूचना जारी की गई है। मेरठ जनपद में बिजौली गांव से शुरू होकर यह हाईवे कुल नौ गांवों के 300 से ज्यादा किसान परिवारों की भूमि से गुजरेगा।

भूमि खरीद प्रक्रिया शुरू

मेरठ से प्रयागराज तक बनने वाले 594 किमी लंबे गंगा एक्सप्रेस-वे के निर्माण की प्रक्रिया अब धरातल पर आने लगी है। जिला प्रशासन ने उ.प्र. एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण द्वारा तैयार कराये गये गंगा एक्सप्रेस-वे के एलाइनमेंट में शामिल किसानों के खसरों और भूमि का तहसील की टीम से सत्यापन कराया है। इसके बाद गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए भूमि खरीद की प्रक्रिया को भी शुरू कर दिया है।

एलाइनमेंट विवाद भी समाप्त

मेरठ-बुलंदशहर राष्ट्रीय राजमार्ग 334 के किमी 16 गांव बिजौली से यह एक्सप्रेस-वे शुरू होगा और मेरठ के नौ गांवों की जमीन से गुजरेगा। इसके साथ ही एक्सप्रेस-वे के एलाइनमेंट को लेकर चल रहा विवाद भी खत्म हो गया है। कुल नौ में से छह गांवों के किसानों की एक्सप्रेस-वे में जाने वाली भूमि का खसरा संख्या, उसके खातेदार किसान परिवार के नाम, भूमि का क्षेत्रफल आदि जानकारियों की अधिसूचना जारी की गई है। इस पर किसानों से भुगतान के दावे और आपत्तियों की मांग की गई है।

सीधे किसानों से खरीदेंगे जमीन

गंगा एक्सप्रेस-वे प्रोजेक्ट के मेरठ जनपद में नोडल अधिकारी अपर जिलाधिकारी प्रशासन मदन सिंह गब्र्याल ने शुक्रवार को यह सूचना जारी की। उन्होंने बताया कि दावे आपत्तियों के निस्तारण के बाद भूमि को सीधे किसानों से खरीदकर उसका बैनामा यूपीडा के नाम कराया जाएगा। 

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