Ganpati Visarjan 2021: अनंत चतुर्दशी पर इन विधि विधान से करें गणपति विसर्जन, जानिए कब है मूर्ति विसर्जन का शुभ मुहूर्त
Anant Chaturdashi 2021 इस साल गणेश विसर्जन 19 सितंबर को होगा। इस दिन गणपति बप्पा की मूर्ति को जल में प्रवाहित किया जाएगा। शहर भर में गणेशोत्सव की धूम दस दिनों तक रहती है। लोग ढोल नगाड़ों के साथ गुलाब बरसाते हुए मूर्ति विसर्जन करते हैं।
मेरठ, जेएनएन। गणेश चतुर्थी को गणेश जी की प्रतिमा की स्थापना की जाती है, और अनंत चतुर्दशी के दिन गणपति बप्पा की विदाई होती है। इस साल गणेश विसर्जन 19 सितंबर को होगा। इस दिन गणपति बप्पा की मूर्ति को जल में प्रवाहित किया जाएगा। शहर भर में गणेशोत्सव की धूम दस दिनों तक रहती है। हिंदु धर्म में गणेश जी को सर्वप्रथम पूजा जाता है। गणेश जयंती को पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है। यूं तो गणेश विसर्जन से जुड़ी बहुत सी कहानियां हैं, लेकिन लोगों की ऐसी मान्यता है कि इस दिन गर्णश विसर्जन के साथ वे अपने घर की सभी बाधाओं को भी दूर कर देते हैं।
गणेश मूर्ति के विसर्जन से पहले उनकी विधि विधान से पूजा अर्चना की जाती है, और फिर मोदक और फलों का भोग लगाया जाता है। गणेश जी की आरती करके उनसे आशीर्वाद प्राप्त कर अगले साल जल्दी आने का आग्रह करते हुए उन्हें विदा किया जाता है। लोग पटरी पर लाल या गुलाबी कपड़ा बिछाकर मूर्ति रखकर ढोल नगाड़ों के साथ गुलाब बरसाते हुए नाचते गाते मूर्ति विसर्जन करते हैं।
मूर्ति विसर्जन का शुभ मुहूर्त
ज्योतिषाचार्य विभोर इंदूसुत ने बताया कि प्रात: काल मूर्ति विसर्जन का समय 7.40 से दोपहर 12.15 बजे तक रहेगा। इसके बाद 1.46 बजे से 3.18 और शाम को 6.21 बजे से 10.46 बजे तक शुभ मुहूर्त है। चतुदर्शी तिथि 19 सितंबर को सुबह 5.59 बजे से आरंभ होकर 20 सितंबर सुबह 5.28 बजे तक रहेगी। अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा भी की जाती है। इस दिन कई लोग उपवास भी रखते है। अनंत चतुर्दशी का शुभ मुहूर्त सुबह 6.08 से 5.28 बजे रहेगा।