Ganesh Chaturthi 2021: अत्यंत मंगलकारी संयोगों में गणपति का होगा आगमन,पूजन विधि बता रहे बुलंदशहर के आचार्य

Ganesh Chaturthi 2021 गणेश चतुर्थी पर कल से घरों में विराजेंगे भगवान गणपति दस दिन तक चलेगा उत्सव भद्रा का दोष गणेश पूजन में नहीं रहेगा प्रभावी बने संयोग रहे फलदायी। बाजारों में गणपति को लेने के लिए लोगों का आगमन।

By Prem Dutt BhattEdited By: Publish:Thu, 09 Sep 2021 04:43 PM (IST) Updated:Thu, 09 Sep 2021 08:28 PM (IST)
Ganesh Chaturthi 2021: अत्यंत मंगलकारी संयोगों में गणपति का होगा आगमन,पूजन विधि बता रहे बुलंदशहर के आचार्य
कल शुक्रवार को गणेश चतुर्थी को लेकर तैयारियों जोरों पर चल रही है।

बुलंदशहर,जागरण संवाददाता। भादो मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी शुक्रवार के दिन चित्रा नक्षत्र, ब्रह्म योग, वणिज्यकरण एवं तुला राशि के चंद्रमा की साक्षी में आ रही है। ऐसे में अत्यंत मंगलकारी संयोगों में मंगल मूर्ति मोरिया का आगमन हो रहा है। भगवान गणेश रिद्धि सिद्धि एवं शुभ लाभ के प्रदाता माने गए हैं। इसलिए इस बार पूजा का लाभ कई गुना अधिक मिलेगा। भद्रा का दोष गणेश पूजन में प्रभावी नहीं रहेगा। वाणिज्यकरण की स्वामिनी माता लक्ष्मी हैं अर्थात गणेश के साथ माता लक्ष्मी का भी आगमन होगा।

श्रेष्ठ स्थिति में विद्यमान रहेंगे पांच ग्रह

आचार्य प. मुकेश मिश्रा के अनुसार भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जाता है। इसी तिथि से 10 दिवसीय गणेश उत्सव प्रारंभ हो जाते हैं जो अनंत चतुर्दशी तक चलते हैं। इस बार गणेश चतुर्थी त्योहार 10 सितंबर शुक्रवार से प्रारंभ होकर 19 सितंबर तक चलेगा। चतुर्थी पर पांच ग्रह अपनी श्रेष्ठ स्थिति में विद्यमान रहेंगे। इनमें बुध कन्या राशि में, शुक्र तुला राशि में, राहु वृषभ राशि में, केतु वृश्चिक राशि और शनि मकर राशि में विद्यमान रहेंगे। यह संयोग बनने से बाजार में उन्नति होगी।

गणेश चतुर्थी पर यह रहेगा शुभ मुहूर्त

प. श्री प्रकाश शर्मा के अनुसार इस बार 10 सितंबर को चित्रा-स्वाति नक्षत्र के साथ रवियोग रहेगा। चित्रा नक्षत्र शाम 4.59 बजे तक रहेगा और इसके बाद स्वाति नक्षत्र लगेगा। वहीं सुबह 5.42 बजे से दोपहर 12.58 बजे तक रवि योग रहेगा। इस बार मंगल बुधादित्य योग भी रहेगा। सूर्य, मंगल और बुध तीनों ग्रह का एक ही राशि में युति कृत होने से इस योग का निर्माण होता है। यह योग नए कार्य के आरंभ के लिए अति श्रेष्ठ है। चतुर्थी पर सुबह 11 बजकर 9 मिनट से रात 10 बजकर 59 मिनट तक पाताल निवासिनी भद्रा रहेगी। कहते है कि यह स्थिति धन देने वाली रहेगी। इसलिए भद्रा का दोष गणेश पूजन में प्रभावी नहीं रहेगा। ग्रह,नक्षत्र व पंचांग की श्रेष्ठ स्थिति के अनुसार गणेश पूजन के लिए मध्याह्न खास मुहूर्त 11:03:से 01:32 के बीच रहेगा।

चतुर्थी पर ऐसे करें पूजन

गणेश चतुर्थी पर स्नान करके साफ हल्के लाल या पीले रंग के कपड़े पहनें। लाल रंग का कपड़ा चौकी पर बिछाकर भगवान गणपति भगवान को स्थापित करें। भगवान गणेश की पूजा करते समय पूर्व या उत्तर दिशा की तरफ मुंह करें। भगवान गणपति के सामने दीया जलाएं और लाल गुलाब के फूलों से भगवान गणपति को सजाएं। पूजा में तिल के लड्डू गुड़ रोली, मोली, चावल, फूल तांबे के लौटे में जल, धूप, प्रसाद के तौर पर केला और मोदक रखें। भगवान गणपति के सामने धूप दीप जलाकर मंत्रों का जाप करें।

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