मेरठ के किसानों के लिए वरदान बना एफपीओ, लावड़ सब्जी उत्पादक के समूह से जुड़े 375 अन्नदाता
एफपीओ के माध्यम से किसानों के समूह ने उचित दाम और फसल की लागत को कम करने में सफलता पाई है। लावड़ में सब्जी के एफपीओ से 375 किसान जुड़ चुके हैं। इससे उन्हें अच्छी दरों पर सब्जियों के दाम मिलते हैं।
मेरठ, [विनय विश्वकर्मा]। एफपीओ यानि फार्मर प्रोडयूसर ओर्गेनाइजेशन (किसान उत्पादक संगठन) से किसानों को अच्छा खासा लाभ मिल रहा है। एफपीओ के माध्यम से किसानों के समूह ने उचित दाम और फसल की लागत को कम करने में सफलता पाई है। लावड़ में सब्जी के एफपीओ से 375 किसान जुड़ चुके हैं।
इससे उन्हें अच्छी दरों पर सब्जियों के दाम मिलते हैं, साथ ही यूरिया, खाद, बीज व दवा भी बाजार में उचित दरों पर मिल रही है। लावड़ में आते हैं जिले भर के किसान सब्जी संबंधी एफपीओ लावड़ सब्जी प्रोडयूसर कंपनी लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरविंद सैनी ने बताया कि उनके समूह में 375 किसान जुड़े गए हैं। जो सभी विभिन्न सब्जियों के उत्पादक हैं। इसमें आलू, टमाटर, फूल गोभी, हरी शिमला मिर्च, धनिया, लौकी, तुरई, भिंडी, हरी मिर्च आदि के उत्पादक किसान हैं। इसमें लावड़ के अलावा महल, समसपुर, चिंदौडी, अंदावली व मीठेपुर आदि से सब्जी उत्पादक किसान लावड़ सब्जी मंडी में पहुंचकर अपनी फसल बेचते हैं। अरविंद सैनी ने बताया कि एफपीओ से जुड़े किसानों को फसलों की कृषि तकनीकी जानकारी भी दी जाती है।
क्या होता है एफपीओ ?
एफपीओ यानि फार्मर प्रोडयूसर ओर्गेनाइजेशन। किसानों का एक समूह कृषक उत्पादक संगठन, जो कृषि उत्पादन कार्य में लगा हुआ हो। एफपीओ लघु व सीमांत किसानों का एक ऐसा समूह है। जिसमें उससे जुड़े किसानों को न केवल अपने उत्पादन का बाजार मिलेगा। साथ ही खाद, बीज, दवा व कृषि उपकरणों आदि को खरीदना भी सुगम होगा। सरकारी दरों पर मिलने वाला खाद, बीज व उर्वरक उचित दरों पर बिना बिचौलियों के उपलब्ध हो सकेगा।
बिचौलियों से मुक्ति, उचित दाम किसान व उसके उत्पादन से सबसे अधिक बिचौलियों को मुनाफा मिलता है। लेकिन एफपीओ इन मुनाफाखोरों व बिचौलियों पर शिकंजा कसेगा। एफपीओ सिस्टम में किसान को उसके उत्पाद के अनुसार समान भाव मिलते हैं। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने 2023-24 तक दस हजार नये एफपीओ बनाने का लक्ष्य रखा है।