राहत की सांस लीजिए, चार आक्सीजन प्लांट बनने वाले हैं

कोरोना संक्रमण से भयावह हुए हालात के बीच आक्सीजन बनाने वाले प्लाट लगाने की मुहिम तेज हो गई है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 22 Apr 2021 03:10 AM (IST) Updated:Thu, 22 Apr 2021 03:10 AM (IST)
राहत की सांस लीजिए, चार आक्सीजन प्लांट बनने वाले हैं
राहत की सांस लीजिए, चार आक्सीजन प्लांट बनने वाले हैं

मेरठ,जेएनएन। कोरोना संक्रमण से भयावह हुए हालात के बीच आक्सीजन बनाने वाले प्लाट लगाने की मुहिम तेज हो गई है। एनसीआर मेडिकल कालेज और सुभारती अस्पताल में नए आटोमेटिक आक्सीजन जनरेशन प्लाट लगाए जा रहे हैं, वहीं रिठानी में आठ सौ सिलेंडर रोज भरने की क्षमता वाला प्लाट लग रहा है। अप्रैल के अंत तक मेडिकल कालेज में छह टन का स्टोरेज प्लाट चालू करने का लक्ष्य है। सीएमओ डा. अखिलेश मोहन ने बताया कि तीन जनरेशन और एक स्टोरेज प्लाट लगने से आक्सीजन की कमी से होने वाली मौतों को बचाया जा सकेगा।

एनसीआर मेडिकल कालेज के कोविड प्रभारी डा. अश्विनी शर्मा ने बताया कि पिछले साल 200 लीटर प्रति मिनट की दर से आक्सीजन पैदा करने वाला प्लाट लगाया गया था, जिससे डी-टाइप के 25 सिलेंडर भरे जा सकते हैं। कोविड वार्ड में बेडों के साथ ही मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। ज्यादातर बेडों को आक्सीजन से जोड़ा जा रहा है। प्रशासन के सुझाव पर कैंपस में 400 लीटर प्रति मिनट की दर से आक्सीजन बनाने वाला दूसरा प्लाट लगाया जा रहा है। इस प्लाट से 410 बेडों के अस्पताल में गैस आपूर्ति सुलभ हो जाएगी।

सुभारती मेडिकल कालेज में दो आटोमेटिक जनरेशन प्लाट बनाए गए हैं और तीसरे प्लाट की तैयारी की जा रही है। प्रदेश सरकार जरूरत पड़ने पर मेडिकल कालेज को कोविड अस्पताल में बदलेगी, जहा सात सौ बेडों पर कोरोना मरीजों को भर्ती किया जा सकेगा।

उद्यमी राजेश माहेश्वरी रिठानी में आक्सीजन बनाने वाला प्लाट लगाएंगे, जहा रोजाना आठ सौ सिलेंडर भरने की क्षमता होगी। वो आठ साल पहले मेरठ और ऋषिकेश में प्लाट चलाते थे, जिसे बाद में बंद कर दिया। प्रशासन का सहयोग करते हुए राजेश दो दिन में अस्पतालों को सौ सिलेंडर दे चुके हैं। उन्होंने बताया कि हवा में मौजूद आक्सीजन को नाइट्रोजन से अलग कर लिया जाता है, जिसका शोधन कर उसे इलाज में उपयोग लायक बना लेते हैं। उधर, मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया कि अप्रैल के अंत तक छह टन का दूसरा स्टोरेज प्लाट लगाया जा रहा है।

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