मेरठ : चार अफगानी छात्रों ने भारत सरकार से पीएचडी करने की मांगी अनुमति, कृषि विवि से छह का कोर्स पूरा
अशरफ गनी सरकार के दौर में इंडिया-अफगानिस्तान फेलोशिप का करार हुआ था जिसके अंतर्गत अफगानिस्तान के छात्र भारत में विभिन्न कोर्स की पढ़ाई करने आ सकते थे। इसी कड़ी में मेरठ के सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विवि में छह अफगानी छात्रों ने एमएससी (एग्रीकल्चर) में दाखिला लिया था।
मेरठ, संजीव तोमर। सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विवि में अध्ययनरत छह अफगानी छात्रों की एमएससी (एग्रीकल्चर) की पढ़ाई पूरी हो गई है। इनमें से दो अफगानी छात्र अपने वतन भी लौट चुके हैैं। विवि कैंपस के इंटरनेशनल हास्टल में रह रहे बाकी चारों अफगानी छात्रों ने भारत सरकार से पीएचडी करने के लिए देश में रहने की अनुमति मांगी है। अगर सरकार अनुमति देती है तो चारों छात्र पीएचडी कोर्स कर सकते हैं, अन्यथा इन्हें अपने देश लौटना होगा। फिलहाल चारों छात्र विवि के हास्टल में ही रह रहे हैं।
इंडिया-अफगानिस्तान फेलोशिप करार से हुआ था दाखिला
अफगानिस्तान में तालिबानी हुकूमत से पहले की सरकार में राष्ट्रपति रहे अशरफ गनी ने इंडिया-अफगानिस्तान फेलोशिप करार किया था, जिसके अंतर्गत अफगानिस्तान के छात्र भारत के कालेज और विश्वविद्यालयों में विभिन्न कोर्स की पढ़ाई करने आ सकते थे। इसी कड़ी में मोदीपुरम स्थित सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विवि में छह अफगानी छात्रों ने एमएससी (एग्रीकल्चर) में दाखिला लिया था। उक्त छह छात्रों का कोर्स पूरा हो चुका है, जिनमें से दो छात्र अपने वतन रवाना हो गए हैं। अब इंडिया-अफगानिस्तान फेलोशिप करार भी खत्म हो चुका है।
अफगानिस्तान के हालात से दहशत में हैं छात्र
विवि में अध्ययनरत छात्र अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा होने से दहशत में हैं। छात्रों ने पूर्व में भी कहा था कि भारत में रहकर वह पढ़ाई कर रहे हैं। मगर अफगानिस्तान में तालिबानियों ने कब्जा कर वहां की सरकार को हटा दिया है। इससे छात्र, नौकरीपेशा लोग और व्यापारियों समेत सभी दहशत में दिख रहे हैैं। उक्त छात्र फोन आदि के जरिए लगातार अपने परिवार वालों के संपर्क में रहते है।
इन्होंने कहा
विवि में छह अफगानी छात्रों की एमएससी (एग्रीकल्चर) की डिग्री पूरी हो चुकी है। दो छात्र अफगानिस्तान चले गए हैं, जबकि चार छात्र अभी कैंपस में हैं। चारों छात्रों ने पीएचडी कोर्स करने के लिए भारत सरकार से देश में रहने की अनुुमति मांगी है। अनुमति मिलती है तो आगे की कार्यवाही की जाएगी।
-डा. आरके मित्तल, कुलपति, कृषि विवि।