शाहिद अखलाक की राजनीतिक चालबाजी, पहले ओवैसी का नाम उछालकर 'बार्गेनिंग', अब अखिलेश से जा पहुंचे मिलने
पूर्व सांसद शाहिद अखलाक ने राजनीतिक वजूद बनाने और भागीदारी वाली भूमिका पाने के लिए राजनीतिक चालबाजी तेज कर दी है। दो दिन पहले ओवैसी का फोटो लगाकर उनके प्रति निष्ठा दिखाते हुए अपरोक्ष रूप से सपा पर हमलावर हुए।
मेरठ, जेएनएन। पूर्व सांसद शाहिद अखलाक ने राजनीतिक वजूद बनाने और भागीदारी वाली भूमिका पाने के लिए राजनीतिक चालबाजी तेज कर दी है। दो दिन पहले ओवैसी का फोटो लगाकर उनके प्रति निष्ठा दिखाते हुए अपरोक्ष रूप से सपा पर हमलावर हुए। जब हर जगह ओवैसी के साथ चले जाने की चर्चा हो गई तो राजनीतिक भाव बढ़ा हुआ पाया। चाल चली और बार्गेनिंग करने सपा मुखिया के पास जा पहुंचे। सपा नेता अतुल प्रधान उनके साथ रहे। उनकी मुलाकात की फोटो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो रही है।
अभी तक ओवैसी के साथ जाने की उन्होंने घोषणा की है और न ही सपा के। लेकिन जिस तरह से दो ही दिन में दोनों धुर विरोधियों के प्रति स्नेह दिखाया है उसका सीधा मतलब है कि जो भी उनको 'खास' तवज्जो देगा उसके हो जाएंगे। फेसबुक पर की गई टिप्पणी बार्गेनिंग के लिए मानी जा सकती है न कि विचारधारा के लिए। बहरहाल, सपा को कम आंककर चलने वाले शाहिद अखलाक का अचानक ही सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष से मिलना राजनीतिक लाभ का प्रयास ही कहा जाएगा।
गौरतलब है कि शाहिद अखलाक वर्ष 2000 में मेरठ के महापौर रहे। इसके बाद 2004 से 2009 तक बसपा के टिकट पर मेरठ के सांसद रहे। वर्ष 2006 में सपा में आए लेकिन कुछ समय बाद फिर बसपा में वापसी की। 2014 का लोकसभा चुनाव उन्होंने बसपा के टिकट से लड़ा। इसके कुछ समय विवाद के चलते उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया। 2009 के लोकसभा चुनाव में सपा से टिकट न मिलने पर अखलाक ने खुद की पार्टी बना ली। नाम रखा सेकुलर एकता पार्टी। लेकिन इस पार्टी से वह खास राजनीतिक प्रदर्शन नहीं कर पाए इसलिए बसपा में वापसी कर ली थी।