पूर्व विधायक ने एसओ धर्मेद्र के खिलाफ खोला मोर्चा

हस्तिनापुर में आलीशान फार्म हाउस के मालिक एसओ धर्मेद्र कुमार को एसएसपी अजय साहनी ने लाइन हाजिर कर दिया। पूर्व विधायक गोपाल काली भी अब मुखर हो गए हैं। उन्होंने मंगलवार को अपने आवास पर प्रेस वार्ता कर पूर्व एसओ के फार्म हाउस को अनैतिक कार्यो का अड्डा बताया।

By Edited By: Publish:Wed, 30 Sep 2020 05:00 AM (IST) Updated:Wed, 30 Sep 2020 05:00 AM (IST)
पूर्व विधायक ने एसओ धर्मेद्र के खिलाफ खोला मोर्चा
एसओ धर्मेद्र कुमार को एसएसपी अजय साहनी ने लाइन हाजिर कर दिया।

मेरठ, जेएनएन। हस्तिनापुर में आलीशान फार्म हाउस के मालिक एसओ धर्मेद्र कुमार को एसएसपी अजय साहनी ने लाइन हाजिर कर दिया। पूर्व विधायक गोपाल काली भी अब मुखर हो गए हैं। उन्होंने मंगलवार को अपने आवास पर प्रेस वार्ता कर पूर्व एसओ के फार्म हाउस को अनैतिक कार्यो का अड्डा बताया। सेंक्चुअरी क्षेत्र में बिना अनुमति इतना विशाल स्थायी निर्माण होने पर वन विभाग व स्थानीय प्रशासन को कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने इसमें लिप्त राजनेताओं व अधिकारियों के खिलाफ जांच कर कार्रवाई की मांग उठाई। पूर्व विधायक ने आरोप लगाया कि हस्तिनापुर थाने के एसओ रहते हुए धर्मेद्र ने पत्नी कल्पना सिंह निवासी नई आबादी भोपालकुंज सिकंदरा आगरा बाबरपुर के नाम पिछले साल पांडवान क्षेत्र में द्रोपदी घाट के पास लाखों रुपये की बेशकीमती खाता संख्या 13 के खसरा संख्या 932 रकबा .8640 में से अमर कुमार की 0.1462 हेक्टेयर जमीन खरीदी। इस जमीन पर आलीशान फार्म हाउस खड़ा कर दिया। इसमें ऐशोआराम की चीजें भरी पड़ी हैं। सेंक्चुअरी व पर्यावरण विभाग की अनुमति के बिना एसओ ने नगरपालिका समेत अन्य राजनीतिक लोगों से मिलकर अवैध रूप से निर्माण किया है। स्वि¨मग पूल, एसी कमरे, काटेज बनाए गए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व एसओ मोटी रकम लेकर कच्ची शराब की करीब 75 भट्ठियों का संचालन करा रहा था। जुआ सट्टा कराने के साथ अवैध कब्जे की धनराशि वसूलकर अकूत संपत्ति का मालिक बना। पीड़ित लोग चक्कर काटते रहे। एसओ व कस्बा चेयरमैन की संपत्ति जांच की कर चुके मांग पूर्व विधायक ने बताया कि सवा दो साल से एसओ व चेयरमैन अरुण कुमार ने मिलकर कस्बे में अवैध निर्माण कराए और अवैध धनराशि से अकूत संपत्ति खड़ी कर दी। 26 सितंबर को वह लखनऊ जाकर मुख्यमंत्री के विशेष सचिव अनिल कुमार से मिले और विजिलेंस से जांच कराकर कड़ी कार्रवाई की मांग की थी। उधर, चेयरमैन ने आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि पूर्व एसओ सरकारी कर्मचारी हैं और वे जनप्रतिनिधि। उनका इस मामले से कोई ताल्लुक नहीं है।

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