मैं ससुराल नहीं जाऊंगी डोली रख दो कहारो..

शादी का मौसम शुरू हो चुका है। हर दिन बैंड बाजा बरात की धूम मची हुई है। वहीं युवाओं का एक ऐसा वर्ग भी है जो शादी करने से कतरा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 26 Nov 2021 03:25 AM (IST) Updated:Fri, 26 Nov 2021 03:25 AM (IST)
मैं ससुराल नहीं जाऊंगी डोली रख दो कहारो..
मैं ससुराल नहीं जाऊंगी डोली रख दो कहारो..

मेरठ, जेएनएन। शादी का मौसम शुरू हो चुका है। हर दिन बैंड बाजा बरात की धूम मची हुई है। वहीं, युवाओं का एक ऐसा वर्ग भी है, जो शादी करने से कतरा रहा है। उसके मन में शादी और उसके बाद आने वाली जिम्मेदारियों के प्रति कई तरह का भय है। इसके चलते वे शादी के बंधन में नहीं बंधना चाहते हैं। युवाओं की इस मनोस्थिति को बदलने के लिए अभिभावक मनोचिकित्सकों का सहारा ले रहे हैं। मनोचिकित्सकों का कहना है कि पिछले कुछ सालों में युवाओं में शादी न करने की इच्छा प्रबल हुई है, और हर माह ऐसे 25 से 30 केस काउंसिलिंग के लिए आ रहे हैं।

ये है शादी न करने की कुछ वजहें

कोरोना काल में नौकरी और आर्थिक स्थिति सामान्य न होने की वजह से युवाओं में शादी न करने की इच्छा तेजी से बढ़ी है। इसके अलावा शादी के बाद परिवार और बच्चों की जिम्मेदारी लेने के लिए भी युवा पीढ़ी तैयार नहीं है। स्वतंत्र विचारों के साथ स्वतंत्र जीवन यापन करना युवा पीढ़ी के लिए सबसे अहम बन गया है। उन्हें रोकटोक और किसी के प्रति जबावदेही बिल्कुल पसंद नहीं है। इसके अलावा परिवार और रिश्तेदारी में असफल वैवाहिक उदाहरण भी इसकी मुख्य वजह बन रही हैं।

समाज में तलाक के बढ़ते मामले और असामान्य वैवाहिक परिस्थितियों ने युवा पीढ़ी की मानसिक स्थिति को बदल दिया है। फिर चाहे वह माता-पिता की सहमति से विवाह हो या फिर प्रेम विवाह, युवाओं का भरोसा उठ रहा है।

-डा. सम्यक जैन, मनोरोग विशेषज्ञ युवाओं की मनोस्थिति में बदलाव लाने के लिए उन्हें विवाह का महत्व समझाने के साथ दोस्तों की सफल शादी के उदाहरण देकर समझाना जरूरी हैं। हालांकि इसके लिए भी उनके अपने तर्क मौजूद हैं।

-डा. कशिका जैन, मनोरोग विशेषज्ञ

chat bot
आपका साथी