Akhilesh Yadav in Muzaffarnagar: बुढ़ाना में बोले अख‍िलेश यादव, जनता ने ले लिया है यूपी का फैसला

बुढ़ाना में शुरू हुई पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की जनसभा। बोले अखिलेश - कार्यक्रम बहुत दिनों बाद हो रहा है। पिछली तारीख पर बारिश के कारण नहीं पहुंच पाए। दूसरी तारीख पर भी हमारे नेता घबरा रहे थे कि लोग आ पाएंगे या नहीं।

By Taruna TayalEdited By: Publish:Thu, 11 Nov 2021 01:43 PM (IST) Updated:Thu, 11 Nov 2021 01:43 PM (IST)
Akhilesh Yadav in Muzaffarnagar: बुढ़ाना में बोले अख‍िलेश यादव, जनता ने ले लिया है यूपी का फैसला
बुढ़ाना में कश्यप सम्मेलन के मंच पर पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री व सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव।

मुजफ्फरनगर, जेएनएन। बुढ़ाना में शुरू हुई पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की जनसभा। बोले अखिलेश - कार्यक्रम बहुत दिनों बाद हो रहा है। पिछली तारीख पर बारिश के कारण नहीं पहुंच पाए। दूसरी तारीख पर भी हमारे नेता घबरा रहे थे कि लोग आ पाएंगे या नहीं। आपका उत्साह बता रहा है कि आने वाले समय मे उत्तर प्रदेश की सरकार बदलने का फैसला जनता ने ले लिया है।

इस बार किसानों और गरीबों ने तय कर लिया है कि भाजपा का सफाया करके रहेंगे। किसानों का इस बार इंकलाब होगा और 22 में बदलाव होगा।

मुजफ्फरनगर के लोगों ने कभी समाजवादी पार्टी को निराश नहीं किया है। ओमप्रकाश राजभर जब से आये हैं सपा के साथ तो उस तरफ से भाजपा के लिए दरवाजे बंद हो गए। आज का सम्मेलन इधर से दरवाजे बंद करेंगे।जो आठ सूत्रीय मांग पत्र कश्यप समाज के नेताओं ने दिया है। मौका मिलने पर सपा इन्हें जरूर पूरा करेगी।

अभी समाजवादी पार्टी का गठबंधन होने जा रहा है। सपा सभी वर्गों सभी दलों को जोड़ने का काम कर रही है। दूसरे दलों की सरकार ने सपने दिखाकर आपका वोट लिया। सरकार में आने के बाद आपके हक़ को छीना है। आपके नेताओं को मुख्यमंत्री बनाने का वादा किया गया, लेकिन झूठ के अलावा आपको कुछ नहीं मिला।

अगर अब यह सरकार में आए तो आपसे सब कुछ छीन लेंगे। भाजपा के लोगों ने कहा कि किसानों की आय दोगुनी कर देंगे। किसान भाइयों बताओ आय दोगुनी हुई? आय तो बढ़ी नहीं महंगाई जरूर बढ़ गई।

वादा किया था कि हवाई चप्पल वाले हवाई जहाज में चलेंगे। लेकिन, पेट्रोल डीजल के इतने दाम बढ़ाए कि मोटरसाइकिल पर चलना भारी हो गया।

ये तीन काले कानून आपके खेतों पर पूंजीपतियों के कब्जा करा देंगे। हम किसानों के साथ है। तीनों कृषि कानूनों का विरोध करते रहेंगे।

किसानों के साथ नौजवानों के सामने भी संकट खड़ा है। न रोजगार है और न ही खाने-कमाने के साधन। हमें लगा कि बाबा मुख्यमंत्री इसलिए लैपटॉप नहीं बांट रहे क्योंकि वह चलाना नहीं जानते।

नौजवानों को 70 लाख नौकरी देने का वादा घोषणा पत्र में किया था। किसी को नौकरी नहीं मिली। जब बाबा मुख्यमंत्री से पूछा गया कि कहां है नौकरी? तो मुख्यमंत्री कहते हैं कि हमारे पास नौकरी तो बहुत हैं लेकिन हमारे युवाओं में टेलेंट नहीं है। मुख्यमंत्री कहते हैं कि पलायन हो गया। अगर उत्तराखंड से मुख्यमंत्री का पलायन न होता तो हमारे पांच साल खराब न होते।

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