वन विभाग ने 20 किमी हरित पटरी मुक्त कराई
वन विभाग ने अपनी जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराकर उसे वानिकी कार्यो में प्रयोग में लाने को लेकर पिछले कई दिनों से अभियान चला रखा है। इसके तहत संरक्षित क्षेत्र अपर गंगा कैनाल पटरी के हरे-भरे इलाके पर अतिक्रमण को साफ करा दिया गया।
मेरठ, जेएनएन। वन विभाग ने अपनी जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराकर उसे वानिकी कार्यो में प्रयोग में लाने को लेकर पिछले कई दिनों से अभियान चला रखा है। इसके तहत संरक्षित क्षेत्र अपर गंगा कैनाल पटरी के हरे-भरे इलाके पर अतिक्रमण को साफ करा दिया गया। करीब 20 किलोमीटर में पटरी को अतिक्रमण से मुक्त कराया गया। खाली हुई जमीन पर पौधारोपण कर हरियाली बढ़ाई जाएगी।
अपर गंगा कैनाल पटरी पर पिछले काफी समय से बिना अनुमति के ढाबे, रेस्तरां और अस्थायी दुकानें चल रही थीं। इनको वन विभाग की ओर से कई बार नोटिस जारी किए गए। पिछले दस दिन से चल रहे अभियान के दौरान 40 ऐसे लोग चिह्नित किए गए जो कब्जा किए हुए थे। इनमें से कुछ पर एफआइआर और कुछ पर जुर्माना लगाया गया है। प्रभागीय निदेशक सामाजिक वानिकी प्रभाग राजेश कुमार ने बताया कि यह अभियान पटरी पर गाजियाबाद सीमा से सलावा पुल तक चला। कुछ लोगों ने अनुमति के लिए आवेदन करने का समय मांगा है। उन्होंने बताया कि खाली हुई कुछ जमीन पर पौधारोपण का कार्य शुरू हो गया है। इसके अलावा गंगा किनारे की भूमि को भी कब्जा मुक्त कराने के लिए प्रशासन के सहयोग से योजना बनाई जा रही है।
दबंगों ने की आशा कार्यकर्ता से मारपीट : सरधना थाना क्षेत्र के बेगमाबाद गांव में मंगलवार रात दबंगों ने मारपीट कर आशा कार्यकर्ता को घायल कर दिया। स्वजन आनन-फानन में सीएचसी लेकर गए, जहां उसका उपचार किया गया।
बेगमाबाद निवासी मदनपाल सिंह ने बताया कि उसकी पत्नी विनेश आशा कार्यकर्ता हैं। मंगलवार को कोरोना से बचाव के लिए गांव में टीकाकरण का अभियान चला था। इसी दौरान विनेश गली-मोहल्लों से कुछ लोगों को टीका लगवाने के लिए बुलाने गईं थीं। आरोप है कि मंगलवार रात मोहल्ले के कुछ दबंग युवक आए और मारपीट कर उसकी पत्नी को जान से मारने का प्रयास किया। हालांकि, खबर लिखे जाने तक आशा का सीएचसी में उपचार चल रहा था। वहीं, पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।