अतिक्रमण की बाढ़ में गुम हुए फुटपाथ

पुराने शहर में कोटला बाजार घंटाघर के सामने की बाजार कबाड़ी बाजार खैरनगर बुढ़ाना गेट सुभाष बाजार समेत पुराने शहर में फुटपाथ बनाने की कहीं जगह नहीं बची है। नालियों के ऊपर दुकानें बन गई हैं। सड़क पर वाहन खड़े होते हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 21 Oct 2021 03:54 AM (IST) Updated:Thu, 21 Oct 2021 03:54 AM (IST)
अतिक्रमण की बाढ़ में गुम हुए फुटपाथ
अतिक्रमण की बाढ़ में गुम हुए फुटपाथ

मेरठ, जेएनएन। पुराने शहर में कोटला बाजार, घंटाघर के सामने की बाजार, कबाड़ी बाजार, खैरनगर, बुढ़ाना गेट, सुभाष बाजार समेत पुराने शहर में फुटपाथ बनाने की कहीं जगह नहीं बची है। नालियों के ऊपर दुकानें बन गई हैं। सड़क पर वाहन खड़े होते हैं। फुटपाथ की परिकल्पना नहीं की जा सकती है। जो बने थी थे उन पर अतिक्रमण ने जगह बना ली है। सिविल लाइंस में चौड़ी सड़कें है। लेकिन फुटपाथ कहीं नहीं बने हैं। सर्किट हाउस से लेकर विक्टोरिया पार्क किनारे साइकिल ट्रैक है। जिसे फुटपाथ भी माना जा सकता है। लेकिन यहां यहां भी अतिक्रमण शुरू हो गए हैं। ये ट्रैक सरकारी महकमों की उपेक्षा का शिकार है।

शास्त्रीनगर में तेजगढ़ी चौराहे किनारे फुटपाथ बने थे। जिस पर भी अतिक्रमण हो चुका है। इसी चौराहे से एल ब्लाक तिराहे तक आने वाली शास्त्रीनगर की सड़क किनारे फुटपाथ जरूर है। लेकिन इस पर भी ठेले और स्ट्रीट वेंडर्स का कब्जा है। बेगमपुल चौराहे के पास, सोतीगंज में फुटपाथ थे जो गायब हो गए हैं। कमिश्नरी आवास चौराहे से यूनिवर्सिटी तक सड़क किनारे फुटपाथ बनाने की जगह है। लेकिन बनाए नहीं गए। हापुड़ अड्डे चौराहे पर फुटपाथ बने थे लेकिन दुकानों का अतिक्रमण होने से ये गुम हो गए हैं। कमिश्नरी चौराहे पर फुटपाथ कभी बनाए ही नहीं गए। फुटपाथ की जगह इंटरलाकिग ने ले ली

शहर को स्मार्ट सिटी के तौर पर विकसित करने का काम शुरू हो चुका है। कुछ महीनों के बाद शहर में इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम के तहत यातायात व्यवस्था सुचारू हो जाएगी। लेकिन इन सबके बाद भी लोग सड़क किनारे पैदल चलने के लिए फुटपाथ की कमी महसूस करेंगे। दरअसल, नगर निगम या एमडीए अपने विकास के प्लान में फुटपाथ को शामिल ही नहीं कर रहे हैं। सड़क बन रही हैं। सड़क किनारे इंटरलाकिग टाइल्स लग रही है। ज्यादा से ज्यादा ग्रीन बेल्ट विकसित हो रही है पर फुटपाथ नहीं बन रहे। ----------

लोगों ने कहा कि..

-मेरठ कालेज में पढ़ते हैं। कमिश्नरी चौराहे पर फुटपाथ नहीं बने हैं। सड़क किनारे पैदल चलने पर डर लगता है। दुर्घटना का खतरा रहता है। अगर कमिश्नरी चौराहे पर फुटपाथ बना दिए जाएं तो कम से कम पैदल चलने वालों के लिए एक सुरक्षित राह तो मिल जाएगी।

प्रवीण कुमार, छात्र, मेरठ कालेज। ----

फुटपाथ शहर की प्रमुख सड़कों के किनारे जरूर होने चाहिए। आखिर पैदल चलने वालों का भी तो अधिकार है। तेजगढ़ी चौराहे के पास फुटपाथ हैं। लेकिन दुकान सज गई हैं। अतिक्रमण करने वालों पर कठोर कार्रवाई होनी चाहिए। कलेक्ट्रट परिसर, कचहरी परिसर के आसपास की सड़क पर फुटपाथ अनिवार्य रूप से होने चाहिए। इन क्षेत्रों में लोगों का आवागमन अधिक होता है।

रमेश चंद्र, शास्त्रीनगर सेक्टर सात।

----------- क्या कहते हैं व्यापार संघ

-ईमानदारी से नगर निगम और एमडीए पहले शहर के फुटपाथ चिह्नित करें। फिर जहां पर अतिक्रमण है उसे कड़ाई से हटाए। फुटपाथ चलने के लिए होते हैं, अतिक्रमण करने के लिए नहीं। व्यापार संघ फुटपाथ खाली कराने में नगर निगम और एमडीए का सहयोग करेगा।

अजय गुप्ता, अध्यक्ष, संयुक्त व्यापार संघ ( वशिष्ट गुट) । ------

-फुटपाथ पर कतई अतिक्रमण नहीं होना चाहिए। अगर अतिक्रमण है तो इसे हटाना चाहिए। लेकिन इससे पहले जिला प्रशासन, नगर निगम और एमडीए मिलकर एक नीति बनाए। व्यापार संघों को साथ लेकर एक कमेटी बने। फिर फुटपाथ पर से अतिक्रमण हटाया जाए। व्यापार संघ साथ खड़ा रहेगा।

नवीन गुप्ता, अध्यक्ष, संयुक्त व्यापार संघ ( नवीन गुट)

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