पश्चिमी उप्र में तेजी से उभर सकती है फूड इंडस्ट्री

किसान बेल्ट में फूड प्रोसेसिंग इकाइयों का बड़ा बाजार खड़ा हो सकता है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 23 Feb 2021 08:55 AM (IST) Updated:Tue, 23 Feb 2021 08:55 AM (IST)
पश्चिमी उप्र में तेजी से उभर सकती है फूड इंडस्ट्री
पश्चिमी उप्र में तेजी से उभर सकती है फूड इंडस्ट्री

मेरठ, जेएनएन। किसान बेल्ट में फूड प्रोसेसिंग इकाइयों का बड़ा बाजार खड़ा हो सकता है। प्रदेश सरकार ने आत्मनिर्भर भारत के तहत सब्जी व फल संरक्षण का कारोबार शहर से गांवों की तरफ ले जाने के लिए 400 करोड़ का बजट जारी किया है। उद्यमियों का कहना है कि यह किसानों की नकद कमाई बढ़ाने की बड़ी वजह साबित हो सकता है। आइआइए के अंकित सिंघल का कहना है कि बजट कृषि से जुड़ी इकाइयों को प्रमोट करने वाला है। इससे औद्योगिकीकरण का प्रवाह शहर से गांवों की ओर होगा। हापुड़, मेरठ, बुलंदशहर से लेकर बागपत एवं सहारनपुर तक बड़े पैमाने पर आलू, टमाटर, गोभी, आम व अन्य फलों का उत्पादन होता है। रखरखाव के अभाव में 40 प्रतिशत चीजें खराब हो जाती हैं। इस बेल्ट में गन्ने के रस को सुरक्षित रखकर सिरका समेत कई चीजें बनाई जाती हैं। बजट में सूक्ष्म इकाइयों को स्थापित करने के लिए 400 करोड़ रुपये दिए गए हैं। किसानों को कोल्ड स्टोर बनाने, प्रोसेसिंग और पैकेजिंग में बड़ी सब्सिडी दी जा सकती है। 10-10 किसानों को मिलाकर समितियां बनाई जा सकती हैं, जो किसानों की नकद आय को बढ़ाएगा। उद्यमी पंकज गुप्ता बताते हैं कि ओडीओपी (एक जनपद एक उत्पाद) के तहत फूड इंडस्ट्री को मिर्जापुर में बढ़ावा दिया गया, जहां बेहतर परिणाम सामने आया। स्कीम से जुड़कर बड़ी संख्या में किसान लाभान्वित हुए हैं।

वार्ड 26 का पार्क बनेगा माडल पार्क

वार्ड 26 स्थित महाराणा प्रताप पार्क को माडल पार्क बनाया जाएगा। प्रदेश सरकार ने बजट में शहीदों के नाम पर पार्क विकसित करने व माडल पार्क बनाने का प्रविधान किया है। इस पार्क को माडल पार्क बनाने के लिए नगर निगम ने कुछ माह पहले ही प्रस्ताव शासन को भेजा था। प्रस्ताव के मुताबिक 1.25 करोड़ रुपये माडल पार्क बनाने में खर्च होंगे। शासन ने इसे मंजूरी भी दे दी थी। उम्मीद है कि सरकार ने जो बजट पूरे प्रदेश के लिए आवंटित किया है, उसमें से इस पार्क के लिए भी धनराशि मिल जाएगी। इससे शहर को एक बेहतर पार्क नसीब होगा।

कोरोना काल को लेकर प्रदेश सरकार के बजट से खासी उम्मीदें थीं, लेकिन बजट में एमएसएमई के लिए कुछ नहीं मिला। साथ ही औद्योगिक क्षेत्र के विकास और उनके निर्माण को भी खास प्रमुखता नहीं दी गई।

अनुराग अग्रवाल, चेयरमैन, आइआइए मेरठ

करीब 5.50 लाख करोड़ रुपये के भारी भरकम बजट से प्रदेश में तेजी से विकास कार्य होंगे तो उद्योगों को नई राहें मिलेंगी। वहीं मेरठ में खेल विश्वविद्यालय से मेरठ समेत पश्चिम यूपी के विकास के रास्ते खुलेंगे।

रवि प्रकाश अग्रवाल, अध्यक्ष, यूपी चेंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री

गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना को गति मिलने से पश्चिम यूपी की दूसरे शहरों से कनेक्टिविटी बेहतर होगी। इससे यहां के उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा। वहीं, खेल विश्वविद्यालय बनने से भी काफी संभावनाएं बढ़ेंगी।

डा. रामकुमार गुप्ता, अध्यक्ष, वेस्टर्न यूपी चेंबर बांबे बाजार

खेल विश्वविद्यालय से मेरठ की बदलेगी तस्वीर

प्रदेश सरकार का यह अति आशान्वित बजट है। मेरठ में खेल विश्वविद्यालय के लिए 20 करोड़ का प्रविधान किया गया है, यह स्वागत योग्य है। इसके बनने के बाद मेरठ की तस्वीर बदल जाएगी। खेल विश्वविद्यालय केवल मेरठ ही नहीं शामली, मुजफ्फरनगर, बड़ौत, बागपत, सहारनपुर सहित पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के खिलाड़ियों को गति देगा। क्षेत्र का और विकास होगा। मेरठ में खेल उद्योग भी है, ऐसे में इसे भी प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से बढ़ावा मिलेगा। संभावना बन रही है कि मेरठ पूरी तरह से स्पो‌र्ट्स हब बन जाए। मेरठ में असंगठित क्षेत्र में बहुत से लोग काम कर रहे हैं, उन्हें अच्छा मौका मिलेगा। खेल विश्वविद्यालय रोजगार के नए अवसर भी लाएगा। हवाई उड़ान को भी बजट में शामिल किया जाता तो शहर का विकास और तेजी से होता। मेरठ का क्षेत्र कृषि प्रधान है, बजट में किसानों की आय को दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया है। एयरपोर्ट को लेकर बजट में उदासीनता दिखी है। स्मार्ट सिटी योजना में मेरठ को बजट मिलने से उम्मीद है कि जनसुविधाएं बेहतर हो। प्रदेश के हर मंडल में राज्य विश्वविद्यालयों की स्थापना करने की घोषणा बजट में की गई है। विभिन्न एक्सप्रेस वे के माध्यम से प्रदेश के शहरों को एक दूसरे से जोड़ने के लिए बजट का प्रविधान किया गया है। हालांकि बजट में धन की व्यवस्था कहां से होगी, इसपर मौन है। ऐसे में बजट को लोक लुभावन बजट कहा जा सकता है।

-प्रो. दिनेश कुमार, विभागाध्यक्ष, अर्थशास्त्र, सीसीएसयू

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