बिजनौर समेत सात जिलों को बाढ़ की चेतावनी, रामगंगा का अतिक्रमण बढ़ा सकता है खतरा

जिलाधिकारी को इस संबंध में पत्र लिखकर इस बात की जानकारी दी गई है कि अगर रामगंगा का अतिक्रमण नहीं हटा तो बाढ़ का खतरा बढ़ जाएगा।

By Prem BhattEdited By: Publish:Sat, 06 Jun 2020 12:31 AM (IST) Updated:Sat, 06 Jun 2020 12:31 AM (IST)
बिजनौर समेत सात जिलों को बाढ़ की चेतावनी, रामगंगा का अतिक्रमण बढ़ा सकता है खतरा
बिजनौर समेत सात जिलों को बाढ़ की चेतावनी, रामगंगा का अतिक्रमण बढ़ा सकता है खतरा

बिजनौर, जेएनएन। कालागढ़ बांध का जल संग्रह पूरा होने के बाद हर साल बरसात में हजारों क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया जाता है। इस कारण रामगंगा नदी के किनारे बसे बिजनौर समेत सात जनपदों के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में बाढ़ आती है। कालागढ़ बांध प्रशासन ने बिजनौर, मुरादाबाद समेत सात जिलों के लिए चेतावनी जारी की है। पत्र में स्पष्ट किया है कि बरसात से पहले नदी से अतिक्रमण हटाने की व्यवस्था करा लें, ताकि बाढ़ से बचा जा सके।

डीएम को भेजे पत्र

कालागढ़ बांध के अधीक्षण अभियंता ने बिजनौर, मुरादाबाद, अमरोहा, रामपुर, बरेली, शाहजहांपुर ओर फर्रुखाबाद के डीएम को भेजे पत्र में कहा कि रामगंगा नदी के तलहटी क्षेत्र में खेती और आबादी क्षेत्र बढऩे से पानी की निकासी में रुकावट आई है। बांध जलाशय से पानी डिस्चार्ज के कारण आने वाली बाढ़ से काफी नुकसान होता है।

शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में बाढ़ से नुकसान

उन्होंने कहा कि रामगंगा बांध के जलाशय में 1978, 1998, 2000 और 2010 में पूर्ण क्षमता तक बरसात का पानी भरा था। उस दौरान बांध से पानी की निकासी करनी पड़ी थी। इन वर्षों में रामगंगा नदी के दोनों किनारों पर बसे शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में बाढ़ से नुकसान हुआ था। उन्होंने कहा कि बाढ़ से होने वाला नुकसान रोकने के लिए नदी का अतिक्रमण हटाना जरूरी है। उल्लेखनीय है कि रामगंगा बांध कालागढ़ की झील में पानी संग्रह की पूर्ण क्षमता 365.300 मीटर तक है। झील का जलस्तर 355 मीटर होते ही अंतिम चेतावनी जारी की जाती है, ताकि नदी में पानी के निर्बाध बहने की व्यवस्था हो सके।  

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