Flood News: बारिश के चलते बिजनौर सहित कई स्थानों पर जलस्तर बढ़ा, सैकड़ों बीघा फसलों को नुकसान
पहाड़ों के साथ साथ मैदानी इलाकों में भी हो रही लगातार बारिश के कारण परेशानी बढ़ गई है। बिजनौर की मालन नदी में उफान के कारण क्षेत्र के ग्राम पूंडरी में नदी पर स्थित अस्थाई रपटा ध्वस्त हो गया है। सैकड़ों ग्रामीणों का संपर्क अपने खेतों से संपर्क टूट गया।
मेरठ, जेएनएन। पहाड़ों पर हो रही बारिश के चलते मेरठ के आसपास के जिलों में गंगा और यमुना में जल स्तर बढ़ने से खतरा बढ़ गया है। बिजनौर,शामली, सहारनपुर आदि जिलों में कई स्थानों पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। बिजनौर के हीमपुर दीपा में गंगा का जलस्तर बढ़ने से गुरुवार की रात से गंगा खादर क्षेत्र के सैकड़ों किसानों की हजारों हेक्टेयर गन्ने की फसल एवं सैकड़ों बीघा धान की फसल जलमग्न हो गई है।
कई स्थानों पर रास्ते बंद
गांव सलेमपुर खादर बस्ती के आधा दर्जन ग्रामीणों के घरों के पास तथा सलेमपुर खादर- जलीलपुर मार्ग तक पहुंचा पानी। ग्रामीणों के समक्ष पशु चारे की समस्या का संकट गहराया। जंगल जाने वाले सभी रास्ते हुए बंद। गत माह जून के अंतिम सप्ताह में जलस्तर बढ़ने से सलेमपुर खादर, महमूदा खादर, फैजीपुर, मीरापुर, सिकरी, ढोलनपुर के सैकड़ों किसानों की हजारों बीघा गन्ने की फसल नष्ट हो गई थी। जिन्हें फसल का मुआवजा अभी तक नहीं मिल पाया। ग्रामीणों के समक्ष आर्थिक संकट खड़ा हो गया है।
मालन पर अस्थाई रपटा ध्वस्त
वहीं बिजनौर की मालन नदी में आए उफान के कारण क्षेत्र के ग्राम पूंडरी में नदी पर स्थित अस्थाई रपटा ध्वस्त हो गया है। इससे गांव सहित सैकड़ों ग्रामीणों का संपर्क अपने खेतों व नदी पार के गांव से संपर्क टूट गया। किसानों के सामने पशुओं के चारे का संकट उत्पन्न हो गया ओर किसान नदी पार अपनी फसलों की रखवाली को भी नहीं जा पा रहे हैं। नदी का बहाव कम होने पर ग्रामीण जान जोखिम में डाल कर अस्थाई व्यवस्थाओं ट्यूब आदि से नदी पार करते हैं। यह समस्या दशकों से बनी हुई है। कई बार मांग के बावजूद भी ग्रामीणों की इस समस्या का निदान नहीं किया गया है। घटना से ग्रामीणों में भारी रोष व्याप्त है।