Flood Alert: भीमगोडा बैराज से छोड़ा गया 3.87 लाख क्यूसेक पानी, बिजनौर और मुजफ्फरनगर में बाढ़ की आशंका

Flood Alert बिजनौर और मुजफ्फरनगर में प्रशासन अब अलर्ट मोड में आ गया है। भीमगोडा बैराज (उत्तराखण्ड) से शनिवार की सुबह पानी डिस्चार्ज किया गया। यह पानी शाम तक बिजनौर बैराज तक पहुचेगा। अब खादर में बाढ़ आने की आशंका है। प्रशासन अलर्ट हो गया है।

By Prem Dutt BhattEdited By: Publish:Sat, 19 Jun 2021 09:20 AM (IST) Updated:Sat, 19 Jun 2021 03:17 PM (IST)
Flood Alert: भीमगोडा बैराज से छोड़ा गया 3.87 लाख क्यूसेक पानी, बिजनौर और मुजफ्फरनगर में बाढ़ की आशंका
बिजनौर में बाढ़ का अलर्ट घोषित कर दिया है। प्रशासन भी चौकन्‍ना हो गया है।

बिजनौर, जेएनएन। Flood Alert In Bijnore भीमगोडा बैराज (उत्तराखण्ड) से शनिवार की सुबह आठ बजे 3.87 लाख क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया। यह पानी शाम पांच बजे तक बिजनौर बैराज तक पहुचेगा। गंगा का जलस्तर बढ़ने के साथ-साथ खादर में बाढ़ आने की आशंका है। हालांकि सिंचाई विभाग ने बैराज का जलस्तर बनाये रखने के बाद शेष पानी डाउन स्टीम छोड़ने की तैयारी पूरी कर ली है। पिछले दो दिन से पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही बारिश की वजह से गंगा का जलस्तर बढ़ने की वजह से भीमगोडा बांध से शुक्रवार की 40 हजार क्यूसेक, रात्रि में 1,34 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया। वहीं यह पानी हस्तिनापुर के खादर क्षेत्र में पहुंचकर परेशानी उत्पन्न कर सकता है। यहां पर अलर्ट कर दिया गया है। बिजनौर में पानी में फंसे पांच लोगों को बचाया भी गया है। इस बीच मुजफ्फरनगर के रामराज में भी प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है।

शाम तक पानी बिजनौर पहुंचेगा

सिंचाई विभाग के अफसर बताते है कि शनिवार की सुबह आठ बजे 3,87 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने की सूचना है। यह पानी शाम पांच बजे तक बिजनौर बैराज तक पहुचने की उम्मीद है। उधर, गंगा का जलस्तर बढ़ने से नागल सोती, मण्डावर, रावली, विदुरकुटी, जलीलपुर के खादर क्षेत्र में बाढ़ की आशंका है।

पुलिस ने गंगा में फसे पांच लोग बचाए 

बिजनौर के मंडावर में अचानक गंगा का जलस्तर बढ़ने के कारण पांच लोगों को रेसक्‍यू आपरेशन के तहत बचाया गया है। इसमें समय सिंह पुत्र गंगाराम निवासी ग्राम दयाल वाला जोगेंद्र सिंह पुत्र ताराचंद निवासी ग्राम दयाल वाला महेंद्र पुत्र घसीटा निवासी ग्राम दयलवाला कलीराम पुत्र पुनवा निवासी ग्राम मीरापुर चेतन पुत्र नंदराम निवासी ग्राम सीमला गंगा खादर में फंस गए थे। उन्हें पीएसी और मंडावर पुलिस ने रेसक्‍यू कर सकुशल बचा लिया। वहीं गंगा खादर क्षेत्र में रात्रि में जलस्तर बढ़ने से खेत पर रखवाली कर रहे दो किसान फस गए। इन किसानों के मोबाइल पर संपर्क नहीं हो पा रहा है। दोनों किसान ग्राम शहजाद पुर के रहने वाले है।

इनका कहना है

गंगा में अत्यधिक पानी छोड़े जाने का मामला संज्ञान में है, बाढ़ चौकियां अलर्ट कर दी गई हैं। गंगा किनारे गांवों में ऐलान कराकर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की हिदायत दी जा रही है।

- उमेश मिश्रा, डीएम।

मुजफ्फरनगर में भी चौकियां अलर्ट

पहाड़ियों और मैदानी क्षेत्रों में हो रही वर्षा से मुजफ्फरनगर के रामराज में मध्य गंगा बैराज पर गंगा का जलस्तर चेतावनी बिन्दु से ऊपर पहुँच गया है। प्रशासन ने ग्रामीणों को गंगा किनारे जाने से मना किया है। वहीं हरिद्वार के भीमगोड़ा बैराज से गंगा में 3 लाख 24 हजार क्यूसेक जल छोड़ा गया है, जो गंगा बैराज पर दोपहर तक पहुँचेगा। जिससे गंगा का जलस्तर अधिक बढ़ने की संभावना है। प्रशासन ने बाढ़ चौकियों को अलर्ट कर दिया है। शनिवार को सुबह से ही गंगा बैराज पर गंगा का जलस्तर चेतावनी बिन्दु से ऊपर पहुच गया। जिससे प्रशासन व सिचाई विभाग में हडकंम्प मच गया।

गंगा किनारे नहीं जाने की अपील

मध्य गंगा बैराज पर गंगा का जलस्तर डाउनस्ट्रीम में चेतावनी बिंदु 219 मीटर को पार कर 219.40 पर पहुंच गया और एक लाख 34 हजार क्यूसेक जल के निस्तारण की माप दर्ज की गई। सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता अशोक जैन ने बताया कि हरिद्वार के भीमगोड़ा बैराज से करीब तीन लाख 34 हजार क्यूसेक जल गंगा में छोड़ा गया है। जो की दोपहर करीब एक बजे के आसपास गंगा बैराज पर पहुंच जाएगा। जिससे गंगा का जलस्तर बढ़ने की संभावना है। मामले से उच्च अधिकारियों को अवगत करा दिया गया। वहीं गंगा में जलस्तर बढ़ने के चलते सिचाई विभाग व प्रशासन में हडकंम्प मचा हुआ है। एसडीएम जानसठ जैनेन्द्र ने बताया कि गंगा के जलस्तर में व्रद्धि होने की सम्भावना के चलते सभी बाढ़ चौकियों को अलर्ट कर मनादि कराते हुए सुरक्षा की दृष्टि से ग्रामीणों को गंगा के किनारे पशु चराने व गंगा के किनारे जाने से मना करा दिया है।

सहारनपुर में भी हालात बिगड़े

वहीं सहारनपुर में भी यमुना नदी का जलस्तर एक बार फिर बढ़ गया है। जिसके चलते उत्तर प्रदेश के यमुना नदी में टापू पर बसे तीन गांवों के लोगों का यूपी के अन्य क्षेत्रों से संपर्क कट गया है। साथ ही यमुना नदी के पूर्वी किनारे पर बसे कई गांव के किसानों के खेत भी इसी टापू पर स्थित हैं। यह लोग अपने खेतों तक भी नहीं जा पा रहे हैं। हालांकि ग्रामीणों ने नाव की व्यवस्था की है लेकिन यह साधन पर्याप्त साबित नहीं हो पा रहा है।

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