मुजफ्फरनगर में फर्जी कागजात से जमानत कराने वाले को पांच साल की सजा
अपने दोस्त को जमानत के लिए एक दोस्त ने पहले तो जमानत के लिए फर्जी कागजात बनवाएं और फिर दोस्त को बेल दिलवाई। मुजफ्फरनगर के इस मामले में अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम ने आरोपित को पांच साल की सजा सुनाई है।
मुजफ्फरनगर, जेएनएन। मुजफ्फरनगर में फिरौती मांगने और अवैध रूप से बंधक बनाने के मामले में आरोपित की रिहाई के लिए फर्जी कागजात तैयार कर जमानत कराने वाले को कोर्ट ने पांच वर्ष की सजा सुनाई है। बुढ़ाना निवासी आदेश को 2013 में पुलिस ने फिरौती मांगने तथा एक व्यक्ति को अवैध रूप से बंधक बनाने तथा मारपीट के आरोप में गिरफ्तार किया था। घटना के मुकदमे की सुनवाई न्यायिक मजिस्ट्रेट बुढाना के समक्ष चल रही थी। इसी दौरान जमानत कागजात तैयार कर आदेश को जेल से रिहा करा लिया गया।
दोस्त को फर्जी कागजात के जरिए दिलाई थी बेल
इस मामले में जमानत के फर्जी कागजात तैयार कराने की शिकायत पर थाना बुढ़ाना पुलिस ने पांच वर्ष पूर्व दिनेश पुत्र श्रीपाल निवासी मुल्तान नगर थाना ट्रांसपोर्ट नगर मेरठ को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। दिनेश पुत्र श्रीपाल 29 अगस्त 2015 से जिला जेल में निरुद्ध था। दिनेश पर धोखाधड़ी सहित अपराधिक षड्यंत्र रचने व अन्य संगीन धाराओं में मुकदमा चल रहा था। दिनेश ने अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम के समक्ष अपराध की स्वीकारोक्ति करते हुए बताया कि उसने अपने दोस्त आदेश को जमानत पर छुड़ाने के लिए राजू पुत्र श्री पाल के नाम से जमानत के फर्जी कागजात तैयार कराए थे। जिनसे उसने आदेश की जमानत कराई थी। आदेश ने भी इस मामले में अपराध की स्वीकारोक्ति की।
कोर्ट ने सुनाई पांच साल की सजा
बचाव पक्ष की दलील सुनने के बाद अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम ने धोखाधड़ी के आरोपी 65 वर्षीय दिनेश को 5 वर्ष की सजा सुनाते हुए ₹2000 का अर्थदंड भी लगाया। उन्होंने कहा कि जेल में बिताई अवधि में सज़ा को समायोजित किया जा सकेगा।