पांच मेधावियों को मिला एक- एक लाख की प्रोत्साहन राशि

एमआइईटी के पांच मेधावी छात्र-छात्राओं को तारा गिरीश माथुर चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से गोपाल स्वरुप मेमोरियल पुरस्कार दिया गया ।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 25 Feb 2021 03:30 AM (IST) Updated:Thu, 25 Feb 2021 03:30 AM (IST)
पांच मेधावियों को मिला एक- एक लाख की प्रोत्साहन राशि
पांच मेधावियों को मिला एक- एक लाख की प्रोत्साहन राशि

मेरठ, जेएनएन। एमआइईटी के पांच मेधावी छात्र-छात्राओं को तारा गिरीश माथुर चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से गोपाल स्वरुप मेमोरियल पुरस्कार दिया गया । यह पुरस्कार एकेटीयू बीटेक तीसरे वर्ष की परीक्षा में अपने विभाग में टाप करने वाले पांच छात्रों को मिला । इसमें सभी को एक-एक लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि चेक, प्रमाण पत्र और गोल्ड मेडल दिया गया। इन छात्रों में बीटेक इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिग ब्रांच से विपिन कुमार पाल, बीटेक मैकेनिकल से अक्षय त्यागी, सिविल इंजीनियरिग से सिद्धार्थ त्यागी, कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिग से अर्चित बंसल, इलेक्ट्रानिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिग से रीतांशी अग्रवाल रहे। ट्रस्ट के अध्यक्ष जीके माथुर ने कहा कि पिछले 20 वर्षों से हम शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों को प्रोत्साहन के रूप में प्रोत्साहन राशि प्रदान करते हैं। इस मौके पर मैनेजिग ट्रस्टी सुरेश कुमार, मैनेजिग कमेटी के सदस्य मनोज कुमार माथुर, कालेज के चेयरमैन विष्णु शरण, वाइस चेयरमैन पुनीत अग्रवाल, डायरेक्टर मयंक गर्ग, डीन एकेडमिक डीके शर्मा, इलेक्ट्रानिक्स के विभागाध्यक्ष अमित कुमार आहूजा, मीडिया मैनेजर अजय चौधरी मौजूद रहे।

निश्शुल्क चिकित्सा शिविर में दिया परामर्श

आइआइएमटी आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज एवं चिकित्सालय की ओर से आभा मानव मंदिर पंचवटी कालोनी में निश्शुल्क आयुर्वेदिक चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में रक्तचाप, गठिया बाय, गुर्दे की पथरी, सियाटिका, एग्जिमा व सोरायसिस आदि रोगों का उपचार करते हुए निश्शुल्क परामर्श दिया गया। डा. आलोक शर्मा ने बताया कि वायुरोग जैसे गठिया, पक्षाघात, जोड़ों के दर्द व सर्वाइकल स्पोन्डियोलायरिस आदि रोगों के लिए आइआइएमटी आयुर्वेदिक कालेज में पंचकर्म चिकित्सा उपलब्ध है। जिसके द्वारा पुराने से पुराने रोगों का उपचार सुगमतापूर्वक हो जाता है। शिविर में डा. आलोक शर्मा ने आयुर्वेदिक कालेज में आयुर्वेदिक चिकित्सा कराने का परामर्श दिया। उन्होंने कहा कि यह चिकित्सा पद्धति सस्ती, लोकप्रिय एवं दुष्परिणाम रहित है। डा. रितू व डा. रिदम ने भी चिकित्सा परामर्श दिया। डा. राकेश पंवार, डा. सुरेन्द्र तंवर, अमरपाल, सौरव, शेखर, प्रवीण, दयाप्रकाश, सुमित, अनिल कुमार, गीतिका व अनिता का सहयोग रहा।

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