नीले रंग से तनाव और हरे रंग से दूर होता है संक्रमण
रंगों का प्रभाव हमारे जीवन पर पड़ता है लेकिन इससे कोरोना काल में संक्रमण औ
मेरठ,जेएनएन। रंगों का प्रभाव हमारे जीवन पर पड़ता है, लेकिन इससे कोरोना काल में संक्रमण और मानसिक तनाव को भी कम किया जा सकता है। आरजी पीजी कालेज के बीवाक यौगिक विज्ञान विभाग की लेक्चरार शिखा शर्मा ने आनलाइन योग शिविर में रंग चिकित्सा की जानकारी दी। इसका आयोजन देवाशीष योग ट्रस्ट की ओर से किया गया। शिखा ने बताया कि रंग चिकित्सा में सूरज की किरणों का विशेष महत्व है। जिस रंग से इलाज किया जाता है, उस रंग के तेल को सूरज की किरणों में तैयार किया जाता है। कोरोना काल में सांस की बीमारी के लिए नारंगी, मानसिक तनाव दूर करने के लिए नीले और संक्रमण से बचाव के लिए हरे रंग का प्रयोग किया जाता है। वहीं, योग गुरु आशीष शर्मा ने शिविर में योग और प्राणायाम का अभ्यास करवाया। इस दौरान सचिव कुलवंत शर्मा भी उपस्थित रहे। -जासं शरीर को निरोगी और मन को प्रसन्न रखता है योग : आरजी पीजी कालेज के जंतु विज्ञान विभाग और आइक्यूएसी की ओर से गुरुवार को सात दिवसीय वर्कशाप की शुरुआत की गई। वर्कशाप का विषय कोविड की दूसरी लहर के समय योग द्वारा खुद को तनाव मुक्त और शांत रखना रहा। मेरठ एरोबिक एंड फिटनेस एसोसिएशन के सचिव पंकज गहलोत ने बताया कि विभिन्न योग क्रियाओं द्वारा हम अपने फेफड़ों को अधिक मजबूत कर सकते हैं। हमें सांस लेने और छोड़ने के बीच कितनी देर सांस को रोके रखना चाहिए, यह जानना चाहिए। वहीं, कोर्डिनेटर डा. कल्पना चौधरी कहा कि निरोगी शरीर और मन का प्रसन्नचित रखने के लिए योग और व्यायाम जरूरी है। इसे दिनचर्या में शामिल करने से कोरोना संक्रमण से बचा जा सकता है। इस दौरान प्राचार्य डा. दीपशिखा शर्मा, डा. अमिता शर्मा और डा. शशिबाला भी उपस्थित रहीं।
पांच दिवसीय अंतरराष्ट्रीय योग शिविर का शुभारंभ : शोभित विवि में गुरुवार से आनलाइन अंतरराष्ट्रीय योग शिविर का शुभारंभ हो गया। योगगुरु भारत भूषण ने शिविर का उद्घाटन किया। इस अवसर पर विवि के कुलाधिपति कुंवर शेखर विजेंद्र ने कहा कि योग कोई शारीरिक अथवा धार्मिक क्रिया नहीं, बल्कि यह आत्मा का मिलन है। योग जीवन को जीने का एक जरिया है। पतंजलि ऋषि द्वारा दिए गए योग के आठों चरण के बारे में बोलते हुए कहा कि जब हम योग की बात करते हैं तो हमें ऋषि द्वारा बताए नियमों का पालन करना चाहिए। योगासन करना ही योग है।
योगागुरु ने अपने संबोधन में कहा कि योग हमें गंभीर नहीं, बल्कि अनुशासित बनाता है। महाभारत युद्ध में जब चारों तरफ भय और नकारात्मकता व्याप्त थी, वहां पर एक व्यक्ति के चेहरे पर मुस्कान थी, वे थे भगवान श्रीकृष्ण, क्योंकि वे हर परिस्थिति को उत्सव की तरह मानते थे। संचालन डा. पूनम देवदत्त ने किया। आनलाइन शुभारंभ अवसर पर सऊदी अरब से योग कोच नोफ अलमरवाई के अलावा डा. सुरक्षित गोस्वामी, सोहन आदि ने शिरकत की।