Fitness Mantra Meerut: एक साल में 80 दिन निर्जल रहकर सेहतमंद रहते हैं डा. नीरज, जानें-इनका अनुभव
मेरठ में डा. नीरज की दिनचर्या हर कोई अनुकरण नहीं कर सकता लेकिन वह अपनी दिनचर्या से एक संदेश जरूर देते हैं। रात में दो बजे तक वह अध्ययन और अराधना से जुड़े रहते हैं। ठंड हो या गर्म रात में डेढ़ बजे स्नान करते हैं।
मेरठ, जेएनएन। बहुत से लोगों का मानना है कि सेहत के लिए भर पेट भोजन ही जरूरी है। इसमें कई लोग तो इतना पेट भर लेते हैं, कि बाद में खट्टी डकार भी लेने लगते हैं। ऐसे में इस धारणा को अपने ध्यान से तोड़ने का काम कर रहे हैं मेरठ कालेज के एसोसिएट प्रोफेसर नीरज कुमार। जो साल में करीब 80 दिन निर्जल व्रत रहते हैं। इस दौरान वह केवल शाम को एक समय भोजन और पानी ग्रहण करते हैं। भौतिकता की दौड़ के बीच उन्होंने आध्यात्मिकता से खुद को जोड़ने का प्रयास किया है। जिसकी वजह से वह खुद को शारीरिक और मानसिक दोनों स्तर पर पूरी तरह से स्वस्थ रखे हुए हैं।
केवल चार घंटे सोते हैं डा. नीरज
डा. नीरज की दिनचर्या हर कोई अनुकरण नहीं कर सकता लेकिन वह अपनी दिनचर्या से एक संदेश जरूर देते हैं। रात में दो बजे तक वह अध्ययन और अराधना से जुड़े रहते हैं। ठंड हो या गर्म रात में डेढ़ बजे स्नान करते हैं। फिर दो बजे अराधना करते हैं। वह नियमित चार घंटे ही सोते हैं। सुबह सात बजे हर हाल में वह बिस्तर छोड़ देते हैं। इसके बाद वह सर्वांगासन और मेडिटेशन करते हैं। सुबह और शाम 35 मिनट वह योग और मेडिटेशन को देते हैं। डा. नीरज बताते हैं कि स्कूल टाइम से ही उन्हें रात में देर तक जगने की आदत पड़ी। जो आज तक कायम है। चार घंटे की नींद भी उनके लिए पर्याप्त है। गर्मी में वह 14 जून से 24 जुलाई तक निर्जल व्रत रखते हैं। इस दौरान बस शाम को भोजन करते हैं और जल ग्रहण करते हैं। इसी तरह से ठंड में भी 40 दिन निर्जल व्रत रखते हैं।
नहीं हुई कोई बीमारी
डा. नीरज अपनी दिनचर्या और सादगी से खुद को पूरी तरह से स्वस्थ रखे हुए हैं। उन्हें आज तक न तो शुगर की कोई समस्या रही, नहीं ब्लड प्रेशर की रही है। वजन को उन्होंने पूरी तरह से नियंत्रित किया हुआ है। जिस उम्र में लोगों का पेट निकलने लगता है, वहां नीरज पूरी तरह से फिट हैं। डा. नीरज का कहना है कि उन्हें आज तक बुखार भी नहीं आई है। वह कहते हैं कि स्वस्थ रहने के लिए योग, अभ्यास, सुबह उठना, दौड़ लगाने का अपना महत्व है, लेकिन अगर हम अपनी इच्छाओं को नियंत्रित करते हुए सादगी से रहें तो इससे हम कई मानसिक बीमारियों से खुद को बचा सकेंगे।