Black fungus In Meerut: खतरनाक संकेत, मेरठ में मिले ब्लैक फंगस से पीड़ित दो कोविड मरीज

यह कोरोना मरीजों के लिए खतरनाक संकेत हैं। महाराष्ट्र और नई दिल्ली के बाद सोमवार को मेरठ में भी ब्लैक फंगस के दो मरीज मिले हैं। न्यूटीमा अस्पताल में भर्ती दो मरीजों के मिलने की पुष्टि हुई है। मरीज की हालत गंभीर है। यह और बढ़ सकता है।

By Prem Dutt BhattEdited By: Publish:Tue, 11 May 2021 12:09 AM (IST) Updated:Tue, 11 May 2021 11:12 AM (IST)
Black fungus In Meerut: खतरनाक संकेत, मेरठ में मिले ब्लैक फंगस से पीड़ित दो कोविड मरीज
मेरठ में ब्लैक फंगस से पीड़ित दो कोविड मरीज मिले हैं।

मेरठ, जेएनएन। Black fungus In Meerut: कोरोना मरीजों के लिए ब्लैक फंगस नया खतरा बनकर उभरा है। महाराष्ट्र और नई दिल्ली के बाद सोमवार को मेरठ में भी ब्लैक फंगस के दो मरीज मिले हैं। न्यूटीमा अस्पताल के कोविड केंद्र में भर्ती दो मरीजों के मिलने की पुष्टि हुई है।

मरीज की हालत गंभीर है। इनमें एक मूल रूप से मुजफ्फरनगर निवासी सतीश चंद्र अग्रवाल हैं जिनका किडनी ट्रांसप्लांट हुआ था जबकि दूसरे बिजनौर निवासी मनोज सैनी हैं। यह बीमारी उन मरीजों में ज्यादा है, जो इम्युनोसप्रेशन की दवाएं लेते हैं या जिनकी प्रतिरोधक क्षमता कम हो गई है।

डाक्‍टरों ने यह बताया: डाक्टरों ने बताया कि ब्लैक फंगस यानी म्यूकरमाइकोसिस नामक बीमारी नान कोविड में मिलती रही है, लेकिन कोविड में पहली बार दिखी। यह बीमारी म्यूकर नामक फंगस से होती है, जो वातावरण में रहते हैं। नाक और आंख से होता हुआ संक्रमण दिमाग तक पहुंचता है। इसमें मरीज के दिमाग का अगला हिस्सा अंदर से सूज जाता है। आंखें काली पडऩे के साथ ही बाहर निकल आती हैं। आंखों के मूवमेंट के साथ रोशनी भी खत्म हो जाती है। डाक्टरों का कहना है कि यह फंगस कई मरीजों के साइनस में रहता है, लेकिन एक्टिव नहीं हो पाता है। नाक में एक विशेष उपकरण डालकर साइनस को साफ भी करते हैं। कोरोना में प्रतिरोधक क्षमता कम होने पर बाद में यह फंगस हर अंग तक पहुंच जाता है।

जानलेवा है ब्लैक फंगस: कोरोना मरीजों को स्टेरायड देने से शुगर भी बढ़ जाती है। फंगस ग्लूकोज खाकर बढ़ता है। शुगर के पुराने रोगियों में ब्लैक फंगस का खतरा मिल रहा है। यह जानलेवा साबित हो रहा है। फंगस नाक के जरिए बलगम में मिलकर दिमाग तक पहुंचता है। शुगर को काबू में रखें। कोरोना से ठीक होने पर शुगर को रोजाना नापते रहें। धूल और प्रदूषण से भी बचें। नाक के अंदर काले व भूरे रंग की पपड़ी जमना, नाक बंद होना, ऊपर के होठों का सुन्न होना व आंखों का लाल होना इसके लक्षण है। स्ट्रांग एंटीफंगल दवाएं देनी पड़ती हैं।

- डा. संदीप गर्ग, गुर्दा रोग विशेषज्ञ

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