पहले कोरोना का ग्रहण और अब बाढ़ का कहर
हस्तिनापुर के मखदूमपुर गंगा घाट पर काíतक पूíणमा के अवसर पर लगने वाले गंगा मेले को लेकर अभी भी असमंजस की स्थिति है। गत दिनों आई बाढ़ से गंगा किनारे अभी भी पानी भरा है। मखदूमपुर गांव से आगे मेला मार्ग भी पानी भरा है और मेला स्थल भी कीचड़ है।
मेरठ, जेएनएन। हस्तिनापुर के मखदूमपुर गंगा घाट पर काíतक पूíणमा के अवसर पर लगने वाले गंगा मेले को लेकर अभी भी असमंजस की स्थिति है। गत दिनों आई बाढ़ से गंगा किनारे अभी भी पानी भरा है। मखदूमपुर गांव से आगे मेला मार्ग भी पानी भरा है और मेला स्थल भी कीचड़ है। जिससे मेले के आयोजन को लेकर ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है।
बता दें कि मखदूमपुर गंगा घाट पर लगने वाला काíतक पूíणमा का गंगा मेला जनपद का एकमात्र ऐतिहासिक मेला है। जिला पंचायत द्वारा आयोजित किए जाने वाले गंगा मेले की तैयारियां दीपावली से पूर्व से ही शुरू हो जाती थी। गंगा मेले में आने के लिए श्रद्धालु भी आतुर रहते है और मुख्य स्नान से पूर्व ही गंगा घाट पर तंबुओं की नगरी बस जाती है। गत वर्ष भी मखदूमपुर गंगा मेला पर कोरोना का ग्रहण लग गया था। इस बार बाढ़ ने प्रशासन व आयोजकों में असमंजस की स्थिति पैदा कर दी है। जिला पंचायत अध्यक्ष गौरव कुसेड़ी का कहना है कि इस समय मेले की तैयारियां प्रारंभ हो जाती थी। परंतु बेमौसम आई बाढ़ ने मेले की तैयारियों पर फिलहाल विराम लगा दिया है। उनका प्रयास रहेगा कि मार्ग से पानी को निकलवाकर मेला स्थल व मार्ग को सही कराया जाए, ताकि मेले का आयोजन हो सके।
10 करोड़ की लागत से बन रहा है नानू गंगनहर का पुल : दबथुवा : मेरठ-करनाल हाईवे स्थित गंगनहर पर नानू के नए पुल का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। हालांकि, इसके बराबर में पहले पुल का निर्माण 1850 में हुआ था। यह पुल जर्जर हालत में होने के चलते सिचाई विभाग ने आवागमन प्रतिबंधित का बोर्ड लगा दिया था। अब नए पुल का निर्माण कार्य गुजरात की डीआरएआइपीएल कंपनी करा रही है। एनएचएआइ के इंजीनियर आरके मिश्रा ने बताया कि नहर पुल के निर्माण की लागत 10 करोड़ के आसपास है। इस पुल की चौड़ाई 20 मीटर तथा लंबाई 60 मीटर है। गंगनहर में कुछ दिन बाद पानी आ जाएगा, जिसकी वजह से कार्य फिर रुक जाएगा।