Fight Against Corona: वायरस को गले में रोकिए शरीर झेल लेगा कोरोना, जानिए किस तरह है बचना Meerut News

Fight Against Corona कोविड-19 वायरस बेशक बेहद संक्रामक है किंतु गले में इसे रोककर बीमारी को शिकस्त दी जा सकती है।

By Prem BhattEdited By: Publish:Mon, 30 Mar 2020 10:45 AM (IST) Updated:Mon, 30 Mar 2020 10:45 AM (IST)
Fight Against Corona: वायरस को गले में रोकिए शरीर झेल लेगा कोरोना, जानिए किस तरह है बचना Meerut News
Fight Against Corona: वायरस को गले में रोकिए शरीर झेल लेगा कोरोना, जानिए किस तरह है बचना Meerut News

मेरठ, [संतोष शुक्ल]। Fight Against Corona कोविड-19 वायरस बेशक बेहद संक्रामक है, किंतु गले में इसे रोककर बीमारी को शिकस्त दी जा सकती है। विशेषज्ञों की मानें तो गले की कुदरती सुरक्षा प्रणाली वायरस को रोकने में सक्षम है। नमक-पानी का गरारा करने से गले का पीएच मान बदल जाता है, जिससे वायरस मर जाते हैं। गरम पानी व सूप पीने, भाप लेने एवं बीटाडीन जैसे एंटीसेप्टिक विलयन से गरारा करने पर गले में वायरल लोड कम होगा, ऐसे में कोरोना सिर्फ सामान्य फ्लू की तरह उभरेगा।

टांसिल हैं गले के चेक पोस्ट

विशेषज्ञों का कहना है कि फ्लू करने वाला कोई भी वायरस गले में दो से तीन दिन रुककर कालोनी बनाता है। इस दौरान कोई भी वायरस, बैक्टीरिया या फंगस गले में पहुंचता है, तो टांसिल के लिंफोसाइट टिस्सू उसे मारने लगते हैं। ऐसे में अगर वायरस की संख्या यानी वायरल लोड ज्यादा हो गया, तभी सांस की नली के जरिए फेफड़ों में पहुंचेगा। नमक-पानी के गरारा से गले का माध्यम क्षारीय होने से ज्यादातर वायरस मर जाते हैं। कोई भी संक्रमण शरीर में होता है कि प्रतिरोधक प्रणाली सक्रिय हो जाती है। कोरोना का वायरस पहले गले में संक्रमित होता है, जहां रक्त के जरिए न्यूट्रोफिल्स, लिम्फोसाइट एवं माइक्रोफेजेज पहुंचकर वायरस को मारने लगते हैं।

गरम पानी, चाय और सूप

गरम पानी, सूप व चाय पीने से गले के रक्त वाहनियों में रक्त का प्रवाह बढ़ जाता है। इससे शरीर की रक्षात्मक प्रणाली सक्रिय हो जाती है, और वायरल लोड कम रह जाता है। गले का संक्रमित स्वैब पानी के साथ पेट में पहुंचकर पच जाता है। ऐसे में निमोनिया का रिस्क तेजी से कम होता है, और सामान्य फ्लू के लक्षण उभरते हैं। वर्ल्‍ड मेडिकल जर्नल लैंसेट में छपे शोध के मुताबिक अगर कोई व्यक्ति दरवाजे पर चिपके एक वायरस से संक्रमित होता है, तो कम और जो ज्यादा वायरस से संक्रमित होगा, उसमें अधिक खतरा होगा।

इनका कहना है

ज्यादातर धूलकणों या बैक्टीरिया को नाकों के बाल रोक लेते हैं। जो बचकर अंदर गए, उसे माइक्रोफेजेज खा लेते हैं। किंतु कोरोना वायरस तेजी से संख्या बढ़ाकर सांस की नलिकाओं के जरिए फेफड़े में पहुंचता है। ऐसे में नमक-पानी गले का पीएच मान बदलकर वायरस नष्ट कर सकता है। गरम पानी, सूप लेने ने सुरक्षा प्रणाली एक्टिव हो जाता है। विटामिन सी, विटामिन बी कांपलेक्स, एक्सरसाइज, योग व भरपूर निद्रा से शरीर का नेचुरल किलर सेल यानी डिफेंस सिस्टम सक्रिय हो जाता है।

- डा. वीरोत्तम तोमर, सांस एवं छाती रोग विशेषज्ञ 

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