गन्ने की खेती का आदर्श माडल अपनाने वाले किसान 'उत्तम गन्ना कृषक' की उपाधि से होंगे सम्मानित
न्यूनतम .5 हेक्टेयर क्षेत्रफल में गन्ने की खेती में ट्रेंच प्लांटिंग सहफसली पेड़ी प्रबंधन ट्रैश मल्चिंग व ड्रिप सिंचाई का समन्वित रूप आदर्श माडल कहलाएगा। आदर्श माडल की खेती के लिए प्रदेश में कुल 1555 किसानों के चयन करने का लक्ष्य दिया गया है।
जागरण संवाददाता, मेरठ। प्रदेश के गन्ना किसानों की आय बढ़ाने के संकल्प को साकार करने के लिए प्रदेश के गन्ना विभाग ने एक और कदम उठाया है। प्रदेश के गन्ना आयुक्त संजय आर. भूसरेड्डी ने गन्ने की खेती का आदर्श माडल अपनाने वाले किसान को उत्तम गन्ना कृषक की उपाधि से सम्मानित करने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि न्यूनतम .5 हेक्टेयर क्षेत्रफल में गन्ने की खेती में ट्रेंच प्लांटिंग, सहफसली, पेड़ी प्रबंधन, ट्रैश मल्चिंग व ड्रिप सिंचाई का समन्वित रूप आदर्श माडल कहलाएगा। आदर्श माडल की खेती के लिए प्रदेश में कुल 1555 किसानों के चयन करने का लक्ष्य दिया गया है।
पंचामृत से बनेगा आदर्श माडल
उप गन्ना आयुक्त मेरठ राजेश मिश्र ने बताया कि गन्ने की खेती में आधुनिक तकनीकी पद्धतियों को समन्वित रूप से अपनाने से गन्ने की उत्पादन लागत में कमी आएगी। साथ ही गन्ने की उपज में बढ़ोत्तरी के साथ पानी की बचत, भूमि की उर्वरा शक्ति में वृद्धि व बाजार तथा घरेलू मांग के अनुसार खाद्यान्न, दलहन, तिलहन, शाकभाजी आदि फसलों का उत्पादन जैसे अनेक लाभ होंगे।
ट्रेंच विधि से बुवाई, सहफसली खेती व ड्रिप के प्रयोग एक ही खेत पर शुरू करने वाले सफल किसानों को विभागीय योजनाओं व कार्यक्रमों के अंतर्गत उपज बढ़ोत्तरी में प्राथमिकता व उत्तम गन्ना किसान का प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा। गन्ने की खेती के लिए समन्वित रूप से ट्रेंच प्लांटिंग, सहफसली, रैटून मैनेजमेंट, ट्रैश मल्चिंग व ड्रिप सिंचाई जैसी नवीन तकनीकें अपनाया जाने की बेहद आवश्यकता है। इसलिए गन्ना विभाग ने इसे पंचामृत का नाम दिया है।